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पूजा सिंघल का निलंबन रद्द, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 28 महीने जेल में बिताने के बाद मिली राहत

by Neha Verma
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रांची: झारखंड प्रशासनिक सेवा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। मनी लॉन्ड्रिंग और मनरेगा फंड में घोटाले के आरोपों का सामना कर रहीं निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को राज्य सरकार ने उनका निलंबन रद्द कर दिया। इससे प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 28 महीने जेल में रहीं

11 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। उन पर मनरेगा फंड में भारी घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे थे। ईडी की कार्रवाई के दौरान रांची में पूजा सिंघल के करीबी चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के घर से 19.31 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। इस घटना ने राज्य में प्रशासनिक भ्रष्टाचार की पोल खोल दी थी।

ईडी की पूछताछ में यह सामने आया कि सुमन कुमार पूजा सिंघल का करीबी है, और दोनों के बीच वित्तीय अनियमितताओं के पुख्ता सबूत मिले थे। इसके बाद सिंघल को जेल भेज दिया गया, जहां उन्होंने 28 महीने बिताए।

जमानत के बाद निलंबन रद्द

7 दिसंबर 2024 को पूजा सिंघल को कोर्ट ने जमानत दी थी। उन्होंने नए कानून के तहत हिरासत के आधार पर अपनी रिहाई की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब 28 महीने जेल में बिताने और कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के बाद उनका निलंबन रद्द कर दिया गया है।

सबसे कम उम्र में बनी थीं आईएएस अधिकारी

पूजा सिंघल का नाम देश की सबसे होनहार और मल्टी टैलेंटेड नौकरशाहों में शुमार रहा है। उन्होंने महज 21 साल की उम्र में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर एक रिकॉर्ड बनाया था। झारखंड कैडर की इस अधिकारी को अपने करियर के शुरुआती दौर में कई अहम जिम्मेदारियां दी गईं।

भ्रष्टाचार के आरोप और गिरती छवि

हालांकि, उनके करियर पर भ्रष्टाचार के आरोपों ने गहरा असर डाला। मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा। अब निलंबन रद्द होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि पूजा सिंघल प्रशासनिक सेवा में अपनी वापसी कैसे करती हैं और झारखंड सरकार उन्हें क्या जिम्मेदारी सौंपती है।

राजनीतिक हलकों में चर्चा

पूजा सिंघल का निलंबन रद्द होने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और इसे सरकार की कमजोर नीति करार दे रहे हैं। वहीं, उनके समर्थक इसे न्याय की जीत मान रहे हैं।

भविष्य पर टिकी नजरें

पूजा सिंघल के निलंबन रद्द होने के बाद उनकी प्रशासनिक सेवा में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट में मुकदमा अभी भी जारी है। आने वाले दिनों में उनके करियर और झारखंड की राजनीति पर इस फैसले का गहरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।

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