Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के जमशेदपुर स्थित सुंदरनगर के लिटिल हार्ट स्कूल में एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने शिक्षा के मंदिर को कलंकित कर दिया है। स्कूल के प्रिंसिपल पर दसवीं कक्षा के एक छात्र मयंक कुमार के साथ बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगा है। आरोप है कि प्रिंसिपल ने सिर्फ बाल बढ़े होने और स्कूल फीस जमा न होने के कारण छात्र पर जानलेवा हमला किया। यह हृदयविदारक घटना शुक्रवार की सुबह घटित हुई, जिसने छात्र, उसके परिवार और पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है।
पीड़ित छात्र मयंक कुमार के परिजनों के अनुसार, लिटिल हार्ट स्कूल के प्रिंसिपल संदीप चटर्जी ने छात्र को उसके बाल कुछ बढ़े हुए होने और स्कूल की लंबित फीस के मुद्दे पर बुलाया था। आरोप है कि बातचीत के दौरान प्रिंसिपल आपा खो बैठे और उन्होंने मयंक का गला दबाकर उसे जमीन पर पटक दिया। इसके बाद प्रिंसिपल ने छात्र को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि मयंक बार-बार बेहोश होता रहा, लेकिन प्रिंसिपल का गुस्सा शांत नहीं हुआ और मारपीट जारी रही।
मारपीट में गंभीर रूप से घायल मयंक को आनन-फानन में खासमहल स्थित सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। अस्पताल के मेडिकल रिपोर्ट में मयंक के गले, गाल और सिर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं, जो मारपीट की भयावहता को बयां करते हैं। इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन द्वारा मयंक के अभिभावकों को सूचना दी गई।
जब मयंक के पिता स्कूल पहुंचे और प्रिंसिपल से इस बर्बरता के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की, तो आरोप है कि प्रिंसिपल संदीप चटर्जी ने उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया और दुर्व्यवहार किया। प्रिंसिपल के इस गैरजिम्मेदाराना और अपमानजनक रवैये से आहत होकर, मयंक के अभिभावकों ने तुरंत सुंदरनगर थाने पहुंचकर प्रिंसिपल के खिलाफ एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
सुंदरनगर थाने के सब इंस्पेक्टर मानीक कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि छात्र के अभिभावक के बयान के आधार पर प्रिंसिपल संदीप चटर्जी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। यह मामला कांड संख्या 16/2025 के तहत दर्ज किया गया है और पुलिस ने तत्काल प्रभाव से मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। सब इंस्पेक्टर मानीक कुमार ने यह भी बताया कि पुलिस सभी पहलुओं पर निष्पक्षता से जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने जमशेदपुर के शिक्षा जगत में सनसनी फैला दी है। एक स्कूल प्रिंसिपल, जिसे छात्रों का संरक्षक और मार्गदर्शक माना जाता है, द्वारा इस तरह की हिंसक और अमानवीय हरकत ने हर किसी को हैरान कर दिया है। अभिभावकों और छात्रों के बीच स्कूल प्रशासन के प्रति गहरा अविश्वास पैदा हो गया है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या स्कूलों में बच्चे अब सुरक्षित हैं, अगर उनके साथ इस तरह का बर्ताव स्वयं प्रिंसिपल ही करने लगे।
इस घटना के विरोध में कई छात्र संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी सामने आए हैं और उन्होंने प्रिंसिपल संदीप चटर्जी की तत्काल गिरफ्तारी और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की बर्बरता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में किसी भी छात्र के साथ ऐसा व्यवहार न हो।
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी और पीड़ित छात्र मयंक कुमार को न्याय मिलेगा। इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और शिक्षकों के व्यवहार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन पर विचार करना और उचित कदम उठाना बेहद जरूरी है।