Jamshedpur (Jharkhand) : रांची स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची द्वारा हाल ही में जारी एक अधिसूचना के अनुसार अब कैंपस में धरना, प्रदर्शन, तालाबंदी व आंदोलन जैसी गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने चेताया है कि यदि कोई छात्र ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Jharkhand AIDSO : छात्र संगठन AIDSO ने जताई कड़ी आपत्ति
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) की झारखंड राज्य कमिटी ने विश्वविद्यालय के इस निर्णय को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। संगठन ने बयान जारी कर कहा कि, “विश्वविद्यालय सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि बौद्धिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास की प्रयोगशाला होता है।” AIDSO ने प्रशासन के इस कदम को छात्र समुदाय की आवाज दबाने की साजिश बताया। संगठन का मानना है कि छात्र तब ही आंदोलन का सहारा लेते हैं जब प्रशासन उनकी समस्याओं की अनदेखी करता है।
आंदोलन छात्रों का संवैधानिक अधिकार है”: AIDSO सचिव
AIDSO के प्रदेश सचिव सोहन महतो ने कहा, “धरना-प्रदर्शन कोई गुंडागर्दी नहीं बल्कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने का माध्यम है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी जैसे महान नेताओं ने भी इसी हथियार का प्रयोग किया था।” उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में अक्सर छात्र शोषण का शिकार होते हैं और यदि अब उन्हें विरोध करने का भी अधिकार नहीं दिया जाएगा, तो यह सीधे-सीधे उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।
Jharkhand AIDSO : छात्रसंघ चुनाव नहीं, अब आंदोलन का संकेत
AIDSO ने यह भी उठाया कि विश्वविद्यालय में वर्षों से छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए गए हैं। छात्रों की भागीदारी, नेतृत्व और विकास के अधिकार को लगातार दबाया जा रहा है। यदि प्रशासन ने यह आदेश वापस नहीं लिया, तो संगठन पूरे राज्य में छात्रों को एकजुट कर तेज आंदोलन करेगा।
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