Puri Stampede: पुरी : श्रीगुंडिचा मंदिर के निकट ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान रविवार तड़के मची भगदड़ ने आस्था के उत्सव को मातम में बदल दिया। हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। हादसे का कारण भीड़ नियंत्रण में प्रशासनिक विफलता और ट्रकों की घुसपैठ बताया जा रहा है।
ऐसे हुआ हादसा
घटना रविवार सुबह करीब 4 बजे हुई जब भारी संख्या में श्रद्धालु रथों पर विराजमान चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने पहुंचे थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि नियंत्रण बिगड़ गया और भगदड़ मच गई। इसी दौरान लकड़ियों से भरे दो ट्रक भीड़ में घुस आए, जिससे स्थिति और भयावह हो गई। बारिश के कारण श्रद्धालु प्लास्टिक की चादरें लेकर आए थे, जो भगदड़ में फिसलन का कारण बनीं। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और कई घायल हो गए।
Puri Stampede: शवों की पहचान और घायलों का इलाज
मृतकों की पहचान बसंती साहू, पार्वती दास और प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई है। घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती: ‘कोई मदद को नहीं आया’
स्वाधीन कुमार पंडा, स्थानीय निवासी ने बताया कि रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास व्यवस्था बेहद खराब थी। VIP के लिए नया रास्ता बना दिया गया, आम लोगों को बाहर निकालने के आदेश से भगदड़ और बढ़ी। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, मैंने अपनी भाभी को खो दिया। प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा। न कोई पुलिस थी, न कोई बचाव दल। लोगों ने ही एक-दूसरे की मदद की।
प्रशासन पर सवाल, पुलिस का इनकार
श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि घटना के समय कोई पुलिस तैनात नहीं थी। वहीं, पुरी के एसपी विनीत अग्रवाल ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, घटनास्थल पर पुलिस मौजूद थी। जांच के बाद सच्चाई सामने लाई जाएगी।
Rath Yatra Stampede Update : पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
पुरी रथ यात्रा में इससे पहले भी भगदड़ जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, मगर प्रशासनिक लापरवाही पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं। श्रद्धालुओं की संख्या के मुकाबले सुरक्षा के इंतजाम अक्सर नाकाफी साबित होते हैं।
बढ़ाई गई सुरक्षा
घटनास्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है। राहत-बचाव कार्य अब भी जारी है। प्रशासन जांच का आश्वासन दे रहा है, लेकिन सवाल यही है – क्या यह हादसा रोका नहीं जा सकता था।