Home » रामलला प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के दौरान पीएम मोदी बोले-प्रभु राम अब टेंट में नहीं रहेंगे

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के दौरान पीएम मोदी बोले-प्रभु राम अब टेंट में नहीं रहेंगे

by Rakesh Pandey
Ram Mandir Pran Pratishtha
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

पॉलिटिकल डेस्क : 22 जनवरी यानी सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) का समारोह पूरे विधान के साथ संपन्न हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर रामलला की पूजा-अर्चना और आरती की। उन्होंने भगवान के सामने दंडवत होकर नमन किया। इसके बाद अपने संबोधन में प्राण प्रतिष्ठा के महत्व, श्रीराम के संदेश, राम मंदिर का संघर्ष और आने वाले सैकड़ों सालों के लिए भविष्य के भारत की रूपरेखा का मार्ग प्रशस्त किया।

सियावर रामचंद्र की जय के साथ शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियावर रामचंद्र की जय के साथ संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को बधाई। मैं गर्भ गृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूं।

अब दिव्य मंदिर में विराजेंगे रामलला (Ram Mandir Pran Pratishtha)

हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में विराजेंगे। मैं पूरी निष्ठा से विश्वास करता हूं कि जो कुछ हुआ है उसका अनुभव देश और दुनिया के हर कोने में भगवान राम के भक्तों को होगा। यह क्षण अलौकिक है। यह समय सबसे पवित्र है। ये माहौल, ये ऊर्जा और ये पल प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा, कितना कुछ कहने को है… लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है, चित्त अभी भी उस पल में लीन है।

हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है, अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है इसकी अनुभूति, देश के, विश्व के, कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। ये क्षण अलौकिक है। ये पल पवित्रतम है। ये माहौल, ये वातावरण, ये ऊर्जा, ये घड़ी। प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है।

22 जनवरी 2024 सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। 22 जनवरी 2024 सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं है। यह एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर खड़ा हुआ राष्ट्र, अतीत की हर पीड़ा से साहस लेकर खड़ा हुआ राष्ट्र, ऐसे ही एक नया इतिहास रचता है। आज से एक हजार साल बाद लोग इस तारीख, इस पल के बारे में बातें करेंगे। भगवान राम की कितनी महान कृपा है कि हम इस क्षण में जी रहे हैं, इसे घटित होते हुए देख रहे हैं।

दिव्य आत्माओं की वजह से कार्य पूरा हुआ

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि दैवीय आशीर्वाद और दिव्य आत्माओं की वजह से यह कार्य पूरा हुआ है। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी नमन करता हूं। मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया है।

यह सिर्फ दैव मंदिर नहीं बल्कि दिग्दर्शन का मंदिर है

पीएम ने कहा, यह मंदिर मात्र एक दैव मंदिर नहीं है, यह भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं। राम भारत का विचार है, विधान हैं। चेतना है, चिंतन हैं। प्रतिष्ठा हैं, प्रताप हैं। राम नेकी भी है, नीति भी है। नित्यता भी है, निरंतरता भी हैं। राम व्यापक हैं, विश्व है, विश्वात्मा हैं। जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव वर्षों, शताब्दियों तक नहीं होता, हजारों वर्षों के लिए होता है।

READ ALSO: जदयू में भगदड़, प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर सुनील ने पार्टी से दिया इस्तीफा

Related Articles