चंडीगढ़ : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कोर्ट से 20 दिन की Parole मिल गई है। हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) से ठीक पहले मिली इस पैरोल पर सवाल उठाए जा रहे है। 1 अक्तूबर को मिली यह पैरोल डिविजनल कमिश्नर, रोहतक ने दी है।
डेरा प्रमुख आज जेल से बाहर आएगा। राम रहीम को मिली इस पैरोल का कांग्रेस विरोध कर रही है। कांग्रेस ने इस बाबत चुनाव आय़ोग को चिट्ठी लिख कर कहा है कि राम रहीम के चेलों की संख्या बड़ी है, इससे चुनाव प्रभावित हो सकता है। चुनाव आयोग ने राम रहीम को निम्न शर्तों के साथ पैरोल को मंजूरी दी हैः
1) जेल से बाहर आने के बाद वो हरियाणा में नहीं रहेगा।
2) किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा।
3) सोशल मीडिया के जरिए भी चुनाव प्रचार नहीं करेगा।
आदेश आते ही दुष्कर्मों का दोषी राम रहीम के बाहर आने की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बीते 4 सालों में उसे ये 15वीं पैरोल दी गई है। इस पैरोल की चर्चा हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ज्यादा हो रही है।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के कानूनी दांव पेंच को देखने वाले केसी भाटिया ने चुनाव आयोग को चिट्ठी में लिखा है कि हरियाणा में राम रहीम का मास बेस है। वो बाहर आकर चुनाव को प्रभावित कर सकता है। इससे पहले भी वो पैरोल या फरलो पर बाहर आकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर चुका है।
चूंकि हरियाणा में चुनाव को देखते हुए आचार संहिता लागू है, इसलिए राम रहीम के पैरोल आवेदन को पहले निर्वाचन आय़ोग भेजा गया। निर्वाचन आय़ोग ने जेल विभाग से इसके पीछे का अकस्मात कारण पूछा है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि एक दोषी को पैरोल पर रिहा करना जरूरी है। डेरा प्रमुख ने इस पैरोल के दौरान उतर प्रदेश के बागपत में रहने की बात कही है।
इससे पहले भी बाबा को अगस्त में 21 दिनों की पैरोल मिली थी। पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election) के दो सप्ताह पहले 7 फरवरी 2022 को भी 3 सप्ताह की पैरोल दी गई थी।
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