

Ramgarh (Jharkhand) : रजरप्पा के जंगलों में कोयला तस्करों ने जमकर तांडव मचाया, लेकिन इस घटना के बाद सीसीएल (CCL) प्रबंधन और रजरप्पा पुलिस आपस में ही भिड़ गए हैं। दोनों विभाग एक-दूसरे पर गंभीर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, जिसका सीधा फायदा कोयला तस्करों को मिल रहा है। इस आपसी टकराव का नतीजा यह रहा है कि तस्कर अपने हाईवा और थार गाड़ी को लेकर आसानी से फरार होने में कामयाब हो गए, और अब तक मामले में कोई भी वाहन जब्त नहीं हो सका है।

पुलिस और सीसीएल के बीच टकराव
रजरप्पा थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने कहा कि उन्हें इस छापेमारी की कोई सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने सीसीएल प्रबंधन पर बेवजह आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उन्होंने अवैध कोयले से लदे हाईवा को जब्त किया था, तो उसे छोड़कर क्यों चले गए। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने से पहले सीसीएल के अधिकारियों ने उनके वरिष्ठ अधिकारियों को छापेमारी की सूचना क्यों नहीं दी। कृष्ण कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस पूरे मामले में जीएम की भूमिका संदिग्ध है।

जीएम ने किया पुलिस पर पलटवार
पुलिस के आरोपों पर जीएम कल्याणजी प्रसाद ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह 4:30 बजे उन्होंने थाना प्रभारी कृष्ण कुमार को फोन पर सूचना दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जीएम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका आवेदन तब तक नहीं लिया, जब तक कोयला तस्कर अपने वाहनों को सुरक्षित निकालकर भाग नहीं गए। उन्होंने कहा कि पुलिस की इस तरह की नकारात्मक कार्रवाई के कारण ही तस्कर हमारे क्षेत्र से बेरोकटोक कोयला तस्करी कर पा रहे हैं।

तस्करों की चांदी, दो विभागों में खींचतान जारी
इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच, कोयला तस्कर अपने मंसूबों में पूरी तरह कामयाब होते नजर आ रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब तक सीसीएल प्रबंधन और पुलिस के बीच समन्वय नहीं होगा, तब तक कोयला तस्करी पर लगाम लगाना मुश्किल है। दोनों विभागों के बीच चल रही यह खींचतान क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और सरकारी संसाधनों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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