RANCHI: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) एवं झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (JSFSY) के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर आर्यभट्ट सभागार मोरहाबादी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने किया। उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व राज्य खाद्य सुरक्षा योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों की जीवन रेखा है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पारदर्शी वितरण, ई-पॉस मशीन, बायोमेट्रिक सत्यापन और स्टॉक प्रबंधन पर जोर दिया।
राशन डीलर लाभुकों से दुर्व्यवहार न करें
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि राशन डीलर लाभुकों से सम्मानपूर्वक व्यवहार करें, किसी भी स्थिति में दुर्व्यवहार न हो। कम अनाज देने की शिकायत मिलने पर सख्त विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी। साथ ही ई-केवाईसी शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए।उपायुक्त ने सभी राशन डीलरों से नशा मुक्ति अभियान में सहयोग की अपील की और कहा कि वे अपने क्षेत्र में नशे के खिलाफ जनजागरूकता फैलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति नशे की खेती में संलिप्त है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दे।
वितरण का दिन करें निर्धारित
राशन वितरण की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक डीलर वितरण का एक तय दिन निर्धारित करें और इसकी सूचना लाभुकों को पहले से दें। इसके साथ ही टीबी जागरूकता पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि राशन डीलर गांव-गांव तक पहुंच रखते हैं। वे टीबी के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उपायुक्त ने राज्य सरकार की “मंईया सम्मान योजना” का भी उल्लेख किया। साथ ही कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने आगामी 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस को विशेष रूप से मनाने की अपील की, जो भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के साथ आदिवासी गौरव का प्रतीक दिवस है।
इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी मोनी कुमारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी राम गोपाल पांडे उपस्थित रहे। कार्यशाला में जिले के प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी, सहायक गोदाम प्रबंधक और जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानदारों ने भाग लिया।


