खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले के सबसे पिछड़े प्रखंड रनिया के बलंकेल गांव की अभिजल कंडुलना ने मॉडलिंग के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। एक अनाथ लड़की होते हुए भी अभिजल ने न केवल अपनी अलग पहचान बनाई, बल्कि खूंटी और झारखंड के जनजातीय समाज को गर्व करने का मौका दिया।
अभिजल ने भुवनेश्वर में आयोजित मिस ग्लोबल ट्राइबल क्वीन प्रतियोगिता में “मिस ग्लोबल ट्राइबल क्वीन इंडिया” और “मिस ग्लोबल ट्राइबल क्वीन अर्थ” जैसे प्रतिष्ठित खिताब जीते। यह सिर्फ उनकी प्रतिभा की नहीं, बल्कि आदिवासी समाज में छिपे सौंदर्य और क्षमता की पहचान है।
अभिजल का संघर्ष : गांव से शहरों तक का सफर
अभिजल का जीवन शुरू से ही चुनौतियों से भरा रहा। माता-पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने न केवल घर संभाला, बल्कि नर्सिंग की पढ़ाई विशाखापत्तनम से पूरी की। दिल्ली में नर्सिंग का काम ढूंढने के दौरान लॉकडाउन के कारण उन्हें वापस खूंटी लौटना पड़ा।
वहां उन्होंने हार नहीं मानी और मेकअप आर्टिस्ट का काम सीखकर अपनी आर्थिक स्थिति को संभाला। इसी बीच उन्होंने अपने मॉडलिंग के सपने को भी पूरा किया और आज वह दिल्ली, मुंबई, और भुवनेश्वर जैसे शहरों में अपनी पहचान बना चुकी हैं।\
मॉडलिंग में नाम कमाने की यात्रा
2021 में दिल्ली में आयोजित मिस नेक्सस यूनिवर्स का खिताब जीतने के बाद अभिजल ने यह साबित कर दिया कि आदिवासी समाज की लड़कियां भी बड़े मंच पर अपनी जगह बना सकती हैं। अभिजल कहती हैं, “आदिवासी लड़कियों को अपने रंग और रूप की परवाह नहीं करनी चाहिए। आत्मविश्वास और मेहनत ही सफलता की कुंजी है।”
अपने समुदाय को संदेश
अभिजल अपनी सफलता का श्रेय डॉ. अंशु तिर्की को देती हैं, जिन्होंने उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, “आदिवासी लड़कियां अपनी क्षमता को पहचानें और समाज की नकारात्मक सोच को नजरअंदाज करें। मेहनत और आत्मविश्वास से हर सपना पूरा हो सकता है।”
मेकअप एकेडमी चलती हैं
वर्तमान में अभिजल खूंटी में एक मेकअप एकेडमी चलाती हैं और अन्य लड़कियों को भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनकी यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि आदिवासी समाज में एक नई सोच और आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है।