मुंबई: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की वसीयत को लेकर नया खुलासा हुआ है। उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान कर दिया है। इसके अलावा, उनके करीबी दोस्तों, परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों को भी संपत्ति का हिस्सा मिला है।
3,800 करोड़ रुपये समाजसेवा के लिए दान
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में 3,800 करोड़ रुपये परोपकार के लिए दान किए हैं। यह राशि उनके ट्रस्टों, रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा ट्रस्ट को दी गई है, ताकि समाजसेवा से जुड़ी उनकी विरासत आगे भी जारी रहे।
परिवार और करीबी मित्रों के लिए प्रावधान
रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का एक हिस्सा अपने परिवार और करीबी दोस्तों को भी सौंपा है।
- सौतेली बहनें – शिरीन जेजीभॉय और डीना जेजीभॉय:
- दोनों को संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा मिलेगा, जिसमें बैंक डिपॉजिट, घड़ियां, पेंटिंग्स और अन्य वित्तीय संपत्तियां शामिल हैं।
- मेहली मिस्त्री (करीबी दोस्त):
- अलीबाग स्थित प्रॉपर्टी और तीन बंदूकें, जिनमें एक .25 बोर की पिस्तौल भी शामिल है।
- जिमी नवल टाटा (भाई):
- मुंबई के जुहू स्थित बंगले का एक हिस्सा उनके नाम किया गया है।
कर्मचारियों के लिए भी उदारता
रतन टाटा ने अपने कर्मचारियों का भी पूरा ख्याल रखा है।
- दिलनाज गिल्डर (सचिव):
- ₹10 लाख रुपये दिए गए।
- राजन शॉ और उनका परिवार (घरेलू स्टाफ):
- ₹50 लाख रुपये की धनराशि मिली।
- सुब्बैया कोनार (ड्राइवर):
- ₹30 लाख रुपये मिले।
- शांतनु नायकुडू (सहायक):
- उनका छात्र ऋण पूरी तरह माफ कर दिया गया।
पालतू जानवरों के लिए भी इंतजाम
रतन टाटा ने अपने पालतू जानवरों के लिए ₹12 लाख रुपये का कोष स्थापित किया है।
- प्रत्येक जानवर को हर तीन महीने में ₹30,000 रुपये मिलेंगे।
रतन टाटा की वसीयत बनी चर्चा का विषय
रतन टाटा की वसीयत उनकी उदारता और समाज सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने अपनी संपत्ति को सिर्फ अपने परिवार और करीबी दोस्तों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कर्मचारियों और पालतू जानवरों तक का भी पूरा ख्याल रखा है।