नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 के विशेष दर्जे को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार दो अगस्त से नियमित सुनवाई करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पांच सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता करेंगे। बेंच में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआई गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल होंगे।
जो जानकारी सामने आ रही है उसके तहत सोमवार और शुक्रवार छोड़कर रोजाना मामले की सुनवाई होगी। विदित हो कि सोमवार और शुक्रवार को सिर्फ नई याचिकाओं की सुनवाई होती है इस लिए इन दोनों दिन नियमित मामलों की सुनवाई नहीं होगी। इससे पहले बेंच ने 11 जुलाई को विभिन्न पक्षों द्वारा लिखित प्रस्तुतियां और सुविधा संकलन दाखिल करने की समय सीमा 27 जुलाई तय की थी।
नियमित सुनवाई से पहले दो याचिकाएं वापस :
वहीं सामाने आ रही जानकारी के अनुसार नियमित सुनवाई शुरू होने से पहले याचिकाकर्ता आईएएस अधिकारी शाह फैसल और एक्टिविस्ट शेहला रशीद ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं को वापस ले लिया है। याचिका वापस लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमित व्यक्त की और याचिकाकर्ताओं के रूप में उनके नाम हटा दिए।
बता दें, 2010 बैच के आईएएस अधिकारी फैसल अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में अव्वल आने वाले पहले कश्मीरी हैं। उन्हें संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था।
जानिए क्या है धारा 370 हटाने का मामला:
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 हटाया दिया था। तब कहा गया था कि अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं गया है, बल्कि उसके अंतर्गत जो प्रतिबंध थे, उन्हें हटाया गया है। मतलब इसके तहत कश्मीर को जो स्वायत्तता मिलती थी, जो अलग अधिकार मिलते थे, वे सब हट गए हैं। इसके पीछे यह तर्क था कि एक एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं हो सकते हैं। अनुच्छेद 370 का खंड एक लागू रहेगा जो कहता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

