

चक्रधरपुर: दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन नाबालिग बच्चियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। ये तीनों बच्चियां स्कूल ड्रेस में थीं और दलाल इन्हें छुट्टी के बाद बहला-फुसलाकर अपने साथ ले आए थे। जानकारी के अनुसार दो बच्चियां पश्चिमी सिंहभूम जिले के तांतनगर और एक बच्ची टोकलो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं।

बेंगलुरु और पश्चिम बंगाल ले जाकर बेचने की थी योजना
दलालों की योजना थी कि तांतनगर की दोनों बच्चियों को बेंगलुरु और टोकलो की बच्ची को पश्चिम बंगाल ले जाकर बेचा जाए। इन्हें नौकरी दिलाने का लालच देकर फंसाया गया था। चाइल्ड लाइन के प्रभारी मनोज कुमार दास ने बताया कि आरपीएफ की कार्रवाई के दौरान दलाल मौके से भाग निकले। तीनों बच्चियों को चाइल्ड लाइन केयर सेंटर ले जाया जा रहा है, जहां परिजनों के आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मानव तस्करी का बढ़ता जाल
चाईबासा जिले में मानव तस्करी का जाल लगातार फैलता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों के नाबालिग बच्चों को बड़े शहरों में रोजगार दिलाने के नाम पर बहला-फुसलाकर ले जाया जा रहा है। आरपीएफ की इस कार्रवाई से मानव तस्करों में हड़कंप मच गया है।

आरपीएफ की पहल
आरपीएफ ने ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत अब तक 84,119 से अधिक बच्चों को बचाया है। यह ऑपरेशन रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है। आरपीएफ की इस पहल से बच्चों की सुरक्षा में बड़ा सुधार हुआ है।
आगे की कार्रवाई
अब देखना यह है कि आरपीएफ और अन्य एजेंसियां मानव तस्करी के इस जाल को कितना प्रभावी ढंग से तोड़ पाती हैं और कितने दलालों को गिरफ्तार कर पाती हैं। तीनों बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और इस मामले में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाएगा।
