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रूस में फंसे 16 भारतीयों ने सरकार से लगाई जान बचाने की गुहार, कहा- रूसी सेना यूक्रेन से युद्ध लड़ने के लिए बॉर्डर पर भेज रही

by The Photon News Desk
Russia Ukraine War
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Russia Ukraine War: रूस में फंसे 16 भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है। उनका दावा है कि उन्हें रूस में सैन्य सेवा के लिए धोखे से ले जाया गया और यूक्रेन से युद्ध लड़ने के लिए बॉर्डर पर भेज दिया गया। जानकारी के मुताबिक, ये सभी युवक पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं।

सोशल मीडिया पर इन युवकों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में सभी युवक एक कम रोशनी वाले कमरे में बैठे दिखाई दिए। वहीं, सभी युवक सैन्य कर्मियों की जैकेट और सिर पर टोपी लगाए नजर आए।

Russia Ukraine War : वीडियो संदेश जारी कर लगाई मदद की गुहार

हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले 19 वर्षीय हर्ष ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया है, जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति का जिक्र किया है। इस वीडियो के जरिए हर्ष ने मदद की अपील की है। हर्ष के मुताबिक, वे नए साल का जश्न मनाने के लिए 27 दिसंबर को 90 दिनों के वैध वीजा के साथ रूस गए थे।

उन्हें एक एजेंट ने धोखा दिया, जिसने उन्हें बेलारूस ले जाने का वादा किया था, लेकिन उन्हें वीजा की आवश्यकता के बारे में सूचित नहीं किया गया था। जब वे बेलारूस पहुंचे, तो एजेंट ने और पैसे की मांग की। उन्होंने उसे पैसे भी दिए। लेकिन, पैसे लेकर वो उन्हें वहीं छोड़कर चला गया। इसके बाद वहां की पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और रूसी अधिकारियों को सौंप दिया।

रूस में फंसे भारतीयों को दिया था ये विकल्प

वीडियो में हर्ष ने आरोप लगाया है कि उन्हें कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहीं, हर्ष के परिवार ने खुलासा किया कि वो विदेश में जाकर नौकरी करना चाहता था। उसे एजेंट द्वारा बताया गया था कि रूस के रास्ते जाना दूसरे देश में प्रवेश करना आसान बना देगा। वहीं, गुरप्रीत सिंह के भाई अमृत सिंह ने कहा कि बेलारूस में उनके द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज रूस में होने के कारण पुरुषों को सैन्य सेवा में मजबूर किया गया। उन्हें 10 साल की कैद या रूसी सेना में शामिल होने का विकल्प दिया गया था।

युद्ध लड़ने के लिए किया जा रहा मजबूर

मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि रूसी सेना द्वारा लगभग 100 भारतीय नागरिकों को सहायक कर्मचारियों के रूप में भर्ती किया गया था। दर्जनों को यूक्रेन सीमा पर लड़ने के लिए मजबूर किया गया। पिछले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया था कि रूसी सेना के साथ सेवा करने वाले लगभग 20 भारतीय नागरिक यूक्रेन में लड़ने के लिए मजबूर हैं। भारतीयों ने वहां से निकालने के लिए उनसे मदद मांगी थी। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि की कि रूसी सेना के साथ सहायक कर्मचारियों या सहायकों के रूप में काम करने वाले लगभग 20 भारतीयों ने सहायता के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया था।

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