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RANCHI NEWS: सदर हॉस्पिटल में 1.28 लाख और रिम्स में 2,37,200 लोगों ने बना लिया ABHA कार्ड, जानें क्या होगा फायदा

by Vivek Sharma
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RANCHI: रांची का सदर अस्पताल हमेशा चर्चा में बना रहता है। ज्यादातर उपलब्धियों को लेकर सदर का नाम टॉप पर बना हुआ है। अब एकबार फिर सदर अस्पताल ने एक और कीर्तिमान बना लिया है। जी हां, सदर हॉस्पिटल में अब तक 1,28,808 लोगों ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है। वहीं रिम्स में 2,37,200 लोगों ने आभा कार्ड बना लिया है। यह पहल आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का अहम हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखना है। इतना ही इससे देश के किसी भी हिस्से में इलाज के दौरान मरीज की पूरी ट्रीटमेंट हिस्ट्री एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। 

13,123 मरीज करा रहे पेपरलेस इलाज

सदर अस्पताल में 13,123 मरीज अब डिजिटल मोड पर इलाज की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। पेपरलेस इलाज के कारण इन्हें कहीं भी अपने कागजात कहीं भी लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ती। पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो एक साल में आभा कार्ड रजिस्ट्रेशन में तेजी आई है। 

5 साल के ऊपर बन सकता है कार्ड

ABHA कार्ड के लिए 5 साल या उससे अधिक उम्र के सभी व्यक्ति पात्र हैं। यह डिजिटल बदलाव ABDM के दो अहम हिस्सों ‘स्कैन एंड शेयर’ और हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) पर आधारित है। ‘स्कैन एंड शेयर’ सुविधा के तहत मरीज अस्पताल के यूनिक QR कोड को अपने स्मार्टफोन या एबीएमडीएम से जुड़ी किसी भी ऐप (जैसे ABHA ऐप या आरोग्य सेतु) से स्कैन कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

लंबी कतार से मिल रहा छुटकारा

मरीज का डेमोग्राफिक डाटा सीधे अस्पताल के सिस्टम में चला जाता है और ओपीडी कार्ड के लिए टोकन नंबर जेनरेट होता है, जो मरीज के मोबाइल पर भेजा जाता है। इस प्रक्रिया से मैनुअल डेटा एंट्री की जरूरत लगभग खत्म हो गई है। जिससे लंबी कतार और भीड़भाड़ में कमी आई है। मरीज तय स्लॉट में ओपीडी में बुलाए जाते हैं, जिससे इलाज में पारदर्शिता आई है। वहीं रिपोर्ट ऑनलाइन होने से इलाज भी जल्द किया जा रहा है।

सदर में 20 लोगों की टीम है तैनात

सदर हॉस्पिटल ने इस डिजिटल सिस्टम के लिए 20 कर्मियों की टीम बनाई है, जिसमें से 8 लोग खास तौर पर स्कैन एंड शेयर सेवा को संभाल रहे हैं। हॉस्पिटल में अनइंटरप्टेड बिजली आपूर्ति, हाई-स्पीड इंटरनेट, मरीज सूचना डिस्प्ले, अनाउंसमेंट सिस्टम और आभा रजिस्ट्रेशन के लिए अलग कियोस्क भी उपलब्ध कराए गए हैं।

एम्स से सबसे ज्यादा हुए रजिस्ट्रेशन 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार, यह डिजिटल बदलाव पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। जिले के अन्य मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटल में भी व्यापक पैमाने पर रजिस्ट्रेशन हो रहा है। एम्स देवघर में 2,90,616, रिम्स रांची में 2,37,200, पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद में 1,54,238 और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में 1,43,305 लोगों ने आभा कार्ड बनवा लिया हैं।


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