रांची: सदर अस्पताल रांची के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में पहला ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन के साथ ही सदर अस्पताल में न्यूरो सर्जरी की शुरुआत हो गई। जिससे अब रांची व अन्य जगहों के मरीजों को राजधानी के बड़े अस्पतालों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स पर भी लोड कम होगा।
दो महीने से मरीज था परेशान
बोकारो के चंदन कियारी के 64 साल के अशोक भगत को तीन महीने पहले दिसंबर 2024 में लुंबर स्पाइन फ्रैक्चर हो गया। जिससे कि उसकी एक नस दब गई। जिसके बाद मरीज के दोनों पैर में सुनापन आ गया। इस बीच मरीज के दोनों पैर ने काम करना बंद कर दिया। मरीज के परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। जहां न्यूरो सर्जन डॉ अशोक मुंडा ने मरीज की जरूरी जांच कराई। इसके बाद उन्होंने मरीज के आपरेशन करने की योजना बनाई। आपरेशन के बाद मरीज को पैर में ताकत महसूस होने लगी है। फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने इसके लिए पूरी टीम को बधाई दी है। साथ ही कहा कि मरीज के पैर में कमजोरी और सूनेपन की समस्या थी। जिसके कारण वह पैर को हिला-डुला नहीं पा रहा था। मरीज का ऑपरेशन स्पाइन सर्जरी के तहत किया गया और ऑपरेशन के तुरंत बाद उसे पैर में ताकत महसूस होने लगी। सिविल सर्जन ने सराहना करते हुए कहा कि सदर अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग का शुरू होना मील का पत्थर साबित होगा। वहीं डॉ अखिलेश झा ने भी टीम को बधाई दी।
टीम में ये रहे शामिल
आपरेशन करने वाली टीम में डॉ अशोक कुमार मुंडा, एनेस्थिसिया के नीरज कुमार, वसुधा गुप्ता, डॉ विकास कुमार, ओटी असिस्टेंट में अनांद किशोर कुमार, लखन कुमार, प्रणव कुमार, नीरज कुमार, वसीम अकरम शामिल है।
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