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Saraikela Amalgam Steel land dispute : अमलगम स्टील ने प्रवेश मार्ग पर खोदा गया गड्ढा रातों-रात भरवाया, विरोध-प्रदर्शन व तनाव

by Anand Mishra
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कांड्रा (झारखंड) : सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा क्षेत्र स्थित अमलगम स्टील एंड पॉवर कंपनी और स्थानीय रैयत मनसा राम महतो के बीच जमीन विवाद को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। मंगलवार की रात मनसा राम महतो द्वारा कंपनी के प्रवेश मार्ग पर खोदवाए गये गड्ढे को भरवाकर फंसे वाहनों को निकाला गया। इसके बाद कंपनी के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे इलाके में तनाव बढ़ गया है।

जमीन विवाद और कंपनी की स्थिति

यह विवाद खाता संख्या तीन के तहत प्लॉट नंबर 996 और 998 से संबंधित है, जहां मनसा राम महतो को रैयत के रूप में जमीन का मालिकाना हक प्राप्त है। पिछले 20 वर्षों से कंपनी की गाड़ियां इस रैयती जमीन से होकर गुजरती रही हैं। पहले इस जगह पर एक पावर प्लांट था, जिसका बाद में अमलगम ने अधिग्रहण कर लिया।

पूर्व के समझौते के अनुसार मनसा राम महतो को मुआवजा और कंपनी में स्थायी नौकरी दी गई थी। इसके अलावा, हर साल लीज का नवीनीकरण भी किया जाता था। लेकिन, इस बार लीज की अवधि समाप्त होने पर मनसा ने कंपनी को जमीन देने से इनकार कर दिया और अपनी जमीन वापस लेने के लिए संबंधित विभागों के साथ पत्राचार किया। हालांकि, किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के बाद विगत 21 मार्च को उन्होंने प्रशासन से अनुमति लेकर अपनी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया।

कंपनी और ग्रामीण के बीच आरोप-प्रत्यारोप

मनसा राम महतो का आरोप है कि जब वह अपनी जमीन पर कब्जा करने के लिए गए, तो कंपनी के अधिकारी तेजपाल सिंह और सुरक्षा अधिकारी तारकनाथ तिवारी ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी। मनसा ने कहा कि यह उनकी पुश्तैनी संपत्ति है और वह किसी भी हालत में इसे नहीं छोड़ेंगे।

वहीं, कंपनी के अधिकारी तेजपाल सिंह का कहना है कि पिछले 20 वर्षों से कंपनी चल रही है, जिससे करीब 5,000 लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मनसा राम महतो को लीज के अनुसार पैसे का भुगतान किया जा रहा है और उनका चेक भी तैयार है। हालांकि, मनसा राम महतो अपने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं, जबकि उनके परिवार के सदस्य पहले से ही कंपनी में कार्यरत हैं। तेजपाल सिंह ने यह भी कहा कि मनसा के इस कदम से कंपनी के हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ सकती है, इसलिए प्रशासन को इस मामले में सहयोग करना चाहिए।

प्रशासन का रुख

यह विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने दोनों पक्षों से जानकारी ली है और अब यह मामला प्रशासनिक जांच के अधीन है। प्रशासन का कहना है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी पक्ष का नुकसान न हो और शांति बनी रहे।

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