Seraikela : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत कांड्रा के पालोबेड़ा गांव की सुबह आज चीख-पुकार के बीच खुली। तेज रफ्तार डंपर आधी रात को उस मिट्टी के घर पर ऐसा कहर बनकर टूटा कि एक ही झटके में पिता और मासूम बेटी की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई। हादसे के बाद गांव में मातमी सन्नाटा और गुस्से की आग साथ-साथ फैलती दिखी और लोग एक ही सवाल पूछते नजर आए कि आखिर कब थमेगी भारी वाहनों की रफ्तार का यह आतंक? स्थानीय लोगों ने बताया कि गिट्टी लदा तेज रफ्तार डंपर अनियंत्रित होकर मिट्टी के एक घर पर पलट गया। हादसे के समय घर के अंदर सो रहे बीरबल मुर्मू (30) और उसकी डेढ़ वर्षीय बेटी अनुश्री मुर्मू दब गई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना में बीरबल की पत्नी बाल-बाल बच गई, उसे हल्की चोटें आई हैं।
ग्रामीणों ने जमकर काटा बवाल
घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया। गुस्साए ग्रामीणों ने लीडिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि भारी वाहनों की तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण इलाके में लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन कंपनी और प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस ने संभाला हालात
सूचना मिलते ही कांड्रा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित लोगों को शांत कराया। पुलिस डंपर को जब्त कर थाने ले गई। पूरे मामले की जांच की जा रही है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार को आवश्यक और हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
परिजनों का क्या कहना है
मृतक के भाई ने कहा कि आज हमारी परिवार की खुशियां एक ही पल में छिन गईं। उन्होंने कहा कि कंपनी और प्रशासन की लापरवाही ने मेरे भाई और भतीजी की जान ले ली। हमें न्याय चाहिए और इस दुर्घटना के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

