रांची/SARYU DHULLU: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने धनबाद से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी और बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो की कंपनियों का ब्योरा सार्वजनिक किया है।
विधायक ने लिखा है कि ईडी इन कंपनियों की तत्काल जांच करे तो बाघमारा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चल रहे मनी लाउंड्रिंग को रोका जा सकेगा।
विधायक ने प्रेस को जारी सूचना में कहा है कि नीचे चार प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों का अति संक्षिप्त विवरण इनके पंजीकृत पता सहित दे रहा हूँ. इनमें से तीन कंपनियाँ (क्रमांक-1 से 3) झारखंड के धनबाद ज़िला के कतरास एवं बाघमारा के विभिन्न पता पर और एक कंपनी (क्रमांक -4) हैदराबाद के पता पर कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं. सभी कंपनियां सक्रिय हैं।
क्रमांक -2 और 4 की कंपनियों में एक आशुतोष राय नंदी उर्फ़ मिंटू राय नंदी निदेशक के रूप में शामिल हैं। कंपनी क्रमांक- 1 और 2 में भाजपा के घोषित लोकसभा चुनाव उम्मीदवार ढुल्लू महतो भी शेयर धारक रहे हैं। क्रमांक-1 की कंपनी धनबाद डेयरी प्रा. लि. में उनका शेयर 5 (पांच) लाख रुपये का और क्रमांक -2 की कंपनी मुंडेन ओर मैनेजमेंट सर्विस प्रा. लि. में 1 (एक) लाख रुपये का शेयर होने का उल्लेख उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष शपथ पत्र पर प्रस्तुत अपनी आयकर विवरणी में किया है। वे इनमें निदेशक भी रहे हैं।
फ़िलहाल ये इनमें निदेशक नहीं हैं। वे इन कंपनियों में अभी भी शेयर धारक हैं या अपना शेयर उन्होंने किसी को बेच दिया है यह जानकारी वे स्वयं दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त पार्टनरशिप फर्म कावेरी वेयर हाउस में भी वे पार्टनर रहे हैं। कुछ वर्ष पहले तक इस फ़र्म में उनकी हिस्सेदारी 40 लाख रुपये रही है। वर्तमान में स्थिति क्या है, इसकी जानकारी वे ही दे सकते हैं।
उपरोक्त कंपनियों का रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की वेबसाइट से लिया गया ताज़ा विवरण निम्नवत है :
कंपनी क्रमांक-1
कंपनी का नाम – धनबाद डेयरी प्रा. लि., पंजीयन तिथि – 2.9.2017
अधिकृत पूंजी – 1 (एक) करोड़ रुपये और पेड-अप पूंजी 10 (दस) लाख रुपये
वर्तमान निदेशक – काजल कुमार पॉल और रामेश्वर साव.
पंजीकृत पता – ग्राम चिटाही, टुंडू, बाघमारा, धनबाद.
कंपनी क्रमांक -2
कंपनी का नाम – मुंडेन ओर मैनेजमेंट सर्विसेज़ प्रा. लि.
निदेशक – रवीन्द्र कुमार अंबष्ठ (10.10.2022)
रविशंकर दास (9.12.2016)
मिंटू राय नंदी (14.1.2021)
अधिकृत पूंजी – 5 (पांच) करोड़ रुपये, पेड-अप पूंजी – 2 (दो) लाख रुपये.
धनबाद के 1(एक) अहमदाबाद के 4 (चार) और पुणे के 2 (दो) यानी कुल 7(सात) शेयर धारकों ने इस कंपनी का कुल 7,38,83,506/- (सात करोड अड़तीस लाख तिरासी हज़ार पांच सौ छह) रुपये का शेयर ख़रीदा है।
कंपनी क्रमांक – 3
कंपनी का नाम – जीन भवानी कंस्ट्रक्शन डेवलपर प्रा. लि.,
पता – मकान संख्या- 163, चंदन निवास, टुंडी रोड, पो. टुंडू, धनबाद.
अधिकृत पूंजी – 15 (पंद्रह) लाख रुपये, पेड-अप पूंजी – 2 (दो) लाख रुपये.
निदेशक – मिथिलेश कुमार राय, अमित कुमार सिन्हा l
कंपनी क्रमांक -4
कंपनी का नाम – इंदुकुरी मधुबंध प्रोजेक्ट्स प्रा॰ लि॰
पता – प्लॉट न॰ – 283/एसी 1 से 5, /1 एफ, ब्लॉक -बी, कावेरी हिल्स, माधापुर, शाइपेट हैदराबाद.
निदेशक (प्रोमोटर) – सुरेश सोमी रेड्डी,
राम मूर्ति बाला सुब्रमण्यन,
आशुतोष राय नंदी उर्फ़ मिंटू राय नंदी
विशेष :- मिंटू राय नंदी हैदराबाद नं पंजीकृत कंपनी “इंदुकुरी मधुबंध” में 16.10.2023 को निदेशक बने हैं। झारखंड में पंजीकृत कतरास की कंपनी “मुंडेन ओर मैनेजमेंट सर्विसेज़” में ये 14.1.2021 से निदेशक हैं। भाजपा के धनबाद लोकसभा प्रत्याशी ढुल्लू महतो भी इसमें निदेशक रहे हैं।
झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनबाद के सोमनाथ चटर्जी की जनहित याचिका का निष्पादन करते हुए विधायक ढुल्लू महतो की आय की तुलना में अधिक नामी-बेनामी संपत्ति के आरोपों की जांच करने के लिए ईडी और आयकर विभाग को निर्देश दिया है, जिसके अनुरूप ईडी ने झारखंड उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर कर बताया है कि उन्होंने इसकी जांच के लिए मुक़दमा ( इसीआइआर) दायर कर लिया है और जांच करना आरंभ्र कर दिया है, जो प्रगति पर है। गत एक वर्ष में ईडी जांच में क्या प्रगति हुई है, इसकी जानकारी ईडी को सार्वजनिक करनी चाहिए या झारखंड उच्च न्यायालय को इस संबंध मे जानकारी देनी चाहिए।
उपरोक्त चार कंपनियों और वेयर हाउस की शुरू से अभी तक की गतिविधियों की जांच भी ईडी करे। इससे कोयलांचल ख़ासकर बाघमारा कोल एरिया में बड़े पैमाने पर चल रहे मनी लाउंड्रिंग (धनशोधन) का पर्दाफ़ाश होगा।
एक अति गंभीर जानकारी यह भी है कि इंदुकुरी मधुबंध प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. 16.10.2023 को कंपनी एक्ट में पंजीकृत हुई है और मात्र दो माह के भीतर 11.12.2023 को इसे बीसीसीएल में एक बड़ा काम मिल गया। यह काम मधुबंध कोयला खदान से अगले 25 वर्षों तक कोयला निकालने एवं अन्य संबद्ध गतिविधियां करने का है। इसमें बीसीसीएल को कुल कमाई का मात्र 5.40 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उपर्युक्त विवरण के आलोक में जांच शीघ्र पूरा करे और दोषियों को विधिसम्मत दंड दिलवाए, नहीं तो कुछ दिन बाद ईडी के ये क्लाइंट इनके पहुंच क्षेत्र से बाहर हो जाएंगे, फिर ईडी के लिए इन पर हाथ डालना मुश्किल हो जाएगा।
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