Ranchi News: जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय बुधवार को रांची स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रस्तुत हुए। यह पेशी उनके द्वारा वर्ष 2022 में उठाए गए एक घोटाले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के तहत हुई थी। मामला तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यकाल का है, जिसमें राय ने कोविड प्रोत्साहन राशि घोटाले का खुलासा किया था।
सरयू राय के अनुसार, यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कानून के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए और राजनीतिक दबाव में आकर आरोपपत्र दाखिल किया है। राय ने बताया कि उन्होंने जिन दस्तावेजों को स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए मुख्यमंत्री को सौंपा था, वे विभागीय संचिका में सुरक्षित सामान्य दस्तावेज थे, जिन्हें गोपनीय की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उनके खिलाफ ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया।
उन्होंने कहा कि डोरंडा थाना के अनुसंधानकर्ता और हटिया के पुलिस उपाधीक्षक ने बिना किसी साक्ष्य के उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिया, जिसमें धारा 120(बी) भी जोड़ा गया। जबकि पुलिस डायरी में कहीं भी यह साबित नहीं होता कि उनका स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी से कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध था।
सरयू राय ने यह भी कहा कि धारा 120(बी) के लिए आवश्यक है कि अभियुक्त एक से अधिक हों, लेकिन पुलिस डायरी और अनुसंधान प्रतिवेदन में उनके अलावा किसी अन्य अभियुक्त का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि हटिया पुलिस उपाधीक्षक के प्रतिवेदन को रांची के नगर पुलिस अधीक्षक और वरीय पदाधिकारियों ने बिना किसी पर्यवेक्षण के स्वीकार कर लिया।
राय ने बताया कि उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 18 मई 2024 को राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था। डीजीपी ने तत्क्षण जांच का आदेश भी दिया, परंतु पुलिस के किसी भी प्रतिवेदन में उस जांच रिपोर्ट का उल्लेख तक नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब उनके भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों के बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ हो। इससे पहले भी जिन मामलों में उन्होंने मुख्यमंत्री या जांच एजेंसियों से जांच की मांग की, उन्हीं से जुड़े लोगों ने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए।
राय ने कहा कि उन्हें न्यायालय के माध्यम से जनता को पूरे प्रकरण की सच्चाई से अवगत कराने का अवसर मिला है और वे वर्ष 2022 में उठाए गए कोविड प्रोत्साहन घोटाले के मामले को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
गौरतलब है कि इस मामले की शुरुआत तब हुई जब सरयू राय ने 13 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोविड से प्रभावित स्वास्थ्यकर्मियों के स्थान पर अपने और अपने मंत्री कोषांग के 59 अन्य लोगों को कोविड प्रोत्साहन राशि देने का प्रयास किया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राय के खिलाफ डोरंडा थाना में ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।