दुबई : प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक देशों सऊदी अरब और रूस ने कच्चे तेल के उत्पादन में स्वैच्छिक कटौती को इस साल के अंत तक जारी रखने पर सहमति जताई,जिससे वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में अचानक उछाल आ गया।
रूस और सऊदी अरब ने अपने तेल उत्पादन में 13 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने की घोषणा की। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गईं जो पिछले कई महीनों का उच्च स्तर है।
अक्टूबर, 2022 के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर से लेकर 85 डॉलर के बीच ही झूलता रहा है।
रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने प्रतिदिन तीन लाख बैरल की कटौती करने का ऐलान करते हुए कहा, ‘‘इससे ओपेक प्लस देशों की तरफ से उठाए जाने वाले एहतियाती कदमों को मजबूती देने का इरादा है। इससे तेल बाजार में स्थिरता एवं संतुलन साधने में मदद मिलेगी।’’
सऊदी अरब की सरकारी संवाद समिति ‘सऊदी प्रेस एजेंसी’ के मुताबिक खाड़ी देश तेल उत्पादन में स्वैच्छिक कटौती को बढ़ाने जा रहा है। हालांकि, सऊदी सरकार बाजार पर नजर बनाए रखेगी और जरूरत के हिसाब से कदम उठाएगी।
सऊदी अरब ने तेल उत्पादन में कटौती का सिलसिला जुलाई में शुरू किया था। इस कटौती को साल के अंत तक बढ़ाने का फैसला पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्लस के अन्य सदस्यों के अनुकूल ही है।
अमेरिका समेत प्रमुख तेल उपभोक्ता देश इस कटौती का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन की तरफ से सऊदी अरब के इस कदम पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन वह पहले तेल कटौती का खुला विरोध कर चुका है।
यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद से अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश रूस से तेल खरीद पर पाबंदी पहले ही लगा चुके हैं। हालांकि, रूस रियायती दरों पर भारत एवं चीन जैसे देशों को तेल आपूर्ति करता रहा है।