चेन्नई : श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए सात भारतीय मछुआरों को आखिरकार जेल से रिहा कर दिया गया और वे गुरुवार को तमिलनाडु के चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचे। यह मछुआरे 20 और 22 फरवरी को श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। उनके खिलाफ आरोप था कि वे सीमा पार कर मछली पकड़ने का प्रयास कर रहे थे, जो अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा का उल्लंघन था।
गिरफ्तार किए गए मछुआरों में से चार को 20 फरवरी को, जबकि बाकी तीन को 22 फरवरी को श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ा था। इन मछुआरों का मामला पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बना हुआ था, क्योंकि यह घटना दोनों देशों के बीच एक संवेदनशील मुद्दा बन गई थी। हालांकि, हाल ही में श्रीलंकाई अधिकारियों ने उन्हें रिहा कर दिया, जिससे भारतीय मछुआरे अपने देश वापस लौट सके।
मछुआरों की गिरफ्तारी और रिहाई की घटनाएं
रामेश्वरम मछुआरा संघ के अनुसार, गुरुवार को श्रीलंकाई नौसेना ने एक और समूह को गिरफ्तार किया, जिनमें 11 मछुआरे शामिल थे। इन मछुआरों को जांच के लिए कांगेसंतुरई नौसेना शिविर भेजा गया है। इससे पहले, 20 मार्च को श्रीलंकाई अधिकारियों ने 13 भारतीय मछुआरों को भारतीय दूतावास को सौंप दिया था और वे देश लौट आए थे। ये मछुआरे भी समुद्र की स्वीकृत सीमा से बाहर मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे।
एक अन्य घटना में, 26 फरवरी को एक और मछुआरों का समूह गिरफ्तार किया गया था। इस समूह को श्रीलंका की मल्लकम अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें एक महीने तक कैद में रखा गया। इस दौरान, तीन मछुआरों को गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उन्हें श्रीलंका के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
12 मार्च को श्रीलंकाई अदालत ने दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद 13 मछुआरों को रिहा करने का आदेश दिया। इस प्रकार, भारतीय मछुआरों की रिहाई को लेकर दोनों देशों के बीच लगातार प्रयास और संवाद जारी रहा।
मछुआरों के स्वागत की प्रक्रिया
चेन्नई हवाई अड्डे पर रिहा हुए मछुआरों का स्वागत किया गया, और उन्हें कराईकल क्षेत्र के अधिकारियों ने एक अलग वाहन में ले जाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इससे पहले 18 मार्च को श्रीलंकाई नौसेना ने तीन मछुआरों को पाकबे सागर क्षेत्र में डेल्फ्ट द्वीप के पास मछली पकड़ते समय गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार मछुआरों की पहचान ए शंकर (53), एम अर्जुनन (35) और एस मुरुगेसन (49) के रूप में हुई।
यह मछुआरे 17 मार्च को मछली पकड़ने का परमिट प्राप्त कर चुके थे, लेकिन श्रीलंकाई नौसेना ने उन्हें यह बताते हुए पकड़ा कि वे समुद्री सीमा पार कर चुके थे। इस घटना ने भारतीय मछुआरों के समुद्री अधिकारों और सीमा निर्धारण को लेकर एक बार फिर से चिंता उत्पन्न की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की बढ़ती गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की थी। 23 फरवरी को उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) गठित करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि इस समस्या का समाधान दोनों देशों के बीच संवाद और समझौते से ही निकाला जा सकता है। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
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