RANCHI: दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय कांग्रेस भवन में शोक सभा का आयोजन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान गुरुजी के चित्र पर नेता और कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। मौके पर कमलेश ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन एक अंतहीन किताब की तरह है। जिसके पन्नों को जितना पलटा जाएगा उतनी ही संघर्ष की गाथाएं मिलेंगी। आदिवासी समुदाय के अस्मिता हक अधिकार के लिये उन्होंने युवावस्था से ही संघर्ष किया।
गुरूजी ने झारखंडवासियों के अधिकार के लिए झारखंड अलग राज्य के आंदोलन को सक्षम नेतृत्व प्रदान किया और आंदोलन को धारदार बनाया। हर जाति समुदाय को आंदोलन से जोड़ा इसका प्रतिफल अलग राज्य निर्माण के रूप में मिला। जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत और प्रयत्नशील रहने वाले गुरुजी ने उनके महत्व से आम लोगों को जागरूक किया।
भारत रत्न से सम्मानित करे केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि गुरुजी के त्याग बलिदान और समाज में योगदान के लिए केंद्र सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि गुरुजी के नाम से राज्य में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए। साथ ही उनके निवास स्थान को संग्रहालय घोषित करने और झारखंड के पाठ्य पुस्तकों में उनके जीवन को शामिल करने की मांग की।
संघर्षों के प्रतीक थे शिबू सोरेन
कांग्रेस के सह प्रभारी सीरीबेला प्रसाद ने कहा कि शिबू सोरेन संघर्षों के प्रतीक थे। झारखंड निर्माण के लिए किये आंदोलन और आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने, उनके बीच जागरूकता फैलाने के लिए किए गए उनके प्रयास पर झारखंड की जनता सदैव उनकी ऋणी रहेगी। कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि गुरुजी के व्यक्तित्व की चर्चा की कोई सीमा नहीं हो सकती है। झारखंड की उन्होने न सिर्फ परिकल्पना की बल्कि संघर्षों से उसे मुकाम तक पहुंचाया, जिन उद्देश्यों को लेकर उन्होंने अपने जीवन काल में संघर्ष किया उन उद्देश्यों को धरातल पर उतारना, झारखंड वासियों को आर्थिक सामाजिक राजनीतिक रूप से मजबूती करना ही उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना होगा।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में विधायक राजेश कच्छप, मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मंत्री डॉ इरफान अंसारी, विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, सुरेश बैठा, सुबोधकांत सहाय, रोशन लाल भाटिया, बन्ना गुप्ता, रविन्द्र सिंह, शाहजादा अनवर, राकेश सिन्हा, आलोक दूबे, अमुल्य नीरज खलखो, सतीश पॉल मुंजनी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित हुए।