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Sharda Sinha Health: शारदा सिन्हा के पैतृक गांव हुलास में सन्नाटा, लोग जल्द स्वस्थ होने की कर रहे कामना

बिहार के सुपौल के हुलास गांव में जन्मी शारदा सिन्हा ने भारतीय लोक संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। खासकर, बिहार के पारंपरिक गीतों और छठ पूजा के गीतों में उनकी आवाज का जादू हर दिल में बसा हुआ है।

by Rakesh Pandey
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पटना : पद्मभूषण से सम्मानित लोक गायिका और “स्वर कोकिला” शारदा सिन्हा की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है। उनकी तबियत बिगड़ने और वेंटिलेटर पर जाने की खबर के बाद बिहार के उनके पैतृक गांव हुलास में सन्नाटा पसरा हुआ है। शारदा सिन्हा जो लोक संगीत की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम हैं, उनके स्वास्थ्य को लेकर न केवल उनके परिवार बल्कि उनके गांव के लोग भी काफी चिंतित हैं।

हुलास गांव में सन्नाटा और चिंता

बिहार के सुपौल के हुलास गांव, जो राघोपुर प्रखंड में स्थित है। शारदा सिन्हा का पैतृक गांव है। यहां के लोग उनकी जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। यह वही गांव है, जहां शारदा सिन्हा ने अपनी शुरुआती शिक्षा ली थी। गांव के लोग बताते हैं कि शारदा सिन्हा का हमेशा अपने पैतृक घर और गांव से गहरा जुड़ाव रहा है। हालांकि अब उनका पुराना घर जो खपरैल का था, टूट चुका है लेकिन उसकी यादें और निशानियां अब भी वहां मौजूद हैं।

गांव में एक ही परिवार के सदस्य रहते हैं, जबकि शारदा सिन्हा के बाकी भाई बाहर रहते हैं। शारदा के स्वास्थ्य के बारे में जैसे ही खबर आई, उनके परिवार के सदस्य दिल्ली के लिए रवाना हो गए। अब घर पर केवल एक स्टाफ सदस्य मौजूद हैं, जो घर की देखभाल कर रहे हैं।
अपनी सफलता का श्रेय भी अपने गांव को देती हैं शारदा सिन्हा

गांव के लोग कहते हैं कि शारदा सिन्हा का हमेशा अपने गांव और मायके से एक खास जुड़ाव रहा है। वे हमेशा अपने गांव के लोगों को याद करती हैं और उनकी सफलता का श्रेय भी वे अपने गांव को देती हैं। अब जब शारदा सिन्हा की तबियत खराब हो गई है तो गांववाले उनकी स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं।

पटना में प्रार्थना का दौर, देशभर में शारदा सिन्हा के लिए दुआएं

शारदा सिन्हा की तबियत बिगड़ने के बाद उनकी देखभाल के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था। सोमवार की रात से उनकी स्थिति गंभीर हो गई और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर शिफ्ट किया गया। इस खबर के बाद न केवल हुलास गांव में बल्कि राज्यभर में शारदा सिन्हा के लिए प्रार्थना का दौर शुरू हो गया है।

पटना में भी लोग मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों पर शारदा सिन्हा के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। लोग उनका नाम लेकर दुआ कर रहे हैं कि वे जल्दी स्वस्थ होकर अपने चाहने वालों के बीच वापस लौटें। शारदा सिन्हा के संगीत और गायकी ने न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में एक खास पहचान बनाई है, और लोग उनके जल्दी स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं।

शारदा सिन्हा का योगदान और लोक संगीत में स्थान


शारदा सिन्हा ने भारतीय लोक संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। खासकर, बिहार के पारंपरिक गीतों और छठ पूजा के गीतों में उनकी आवाज का जादू हर दिल में बसा हुआ है। उनका गाया हुआ “सौभाग्य की छठी मैया” और “कौन कहे छठी मैया के बिना कोई जी सके” जैसे गीत आज भी लाखों लोगों की जुबां पर हैं। उनकी आवाज़ में एक गहरी भक्ति और लोकप्रिया का संयोजन है, जिसने लाखों दिलों को छुआ है।

शारदा सिन्हा का नाम भारतीय लोक संगीत के अनमोल रत्न के रूप में लिया जाता है और उनके गीतों ने बिहार के लोक संगीत को पहचान दिलाई है। उनकी गायकी ने हर बिहारी को गर्व महसूस कराया है और उनकी सेहत को लेकर देशभर के लोग चिंतित हैं।

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