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AQI स्तर के बढ़ने से स्थिति गंभीर: दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण, राहत की उम्मीदें धूमिल

प्रदूषण की समस्या से दिल्ली सरकार अकेले नहीं निपट सकती है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है, क्योंकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी भाजपा की सरकारें हैं। इन राज्यों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण पर काम करना होगा।

by Rakesh Pandey
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने 21 अक्टूबर 2024 को कुछ बड़े शहरों का AQI लेवल जारी किया था।
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण एक बार फिर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे दिल्लीवासी सांस लेने में भी मुश्किल महसूस कर रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 394 के स्तर तक पहुंच गया था, जो कि गंभीर स्थिति का सूचक था। अब शनिवार को AQI और बढ़कर 420 पर पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इस बढ़ते प्रदूषण ने दिल्लीवासियों की चिंता को और बढ़ा दिया है।

इसके साथ ही, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू किया है, जो अधिक सख्त कदम उठाने की योजना है। इस योजना के तहत, दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रोक लगाई गई है ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। लेकिन इस दौरान दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार भी सुननी पड़ी, जब अदालत ने पूछा कि दिल्ली सरकार ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी लगाने में क्यों सफल नहीं हो पाई।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार रात सिंघु बॉर्डर का दौरा किया और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि GRAP-4 के तहत सभी नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। गोपाल राय ने दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस से जानकारी ली कि किन ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है। उनकी जांच के दौरान यह पाया गया कि केवल BS6 मानक वाले डीजल ट्रकों को दिल्ली में एंट्री मिल रही थी। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस द्वारा ट्रकों के कागजात चेक करने के बाद ही उन्हें दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा था।

प्रदूषण को नियंत्रित करना केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी- गोपाल राय


गोपाल राय ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अकेले इस समस्या से नहीं निपट सकती क्योंकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी भाजपा की सरकारें हैं। इन राज्यों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण पर काम करना होगा।

क्लाउड सीडिंग के लिए केंद्र से मांगी थी अनुमति


दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपायों पर विचार किया है, जिनमें से एक है क्लाउड सीडिंग (वातावरण में रसायन डालकर बारिश कराना)। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र से इसकी अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उनका कहना था कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस विषय पर विचार करेगी और जल्दी कुछ कदम उठाएगी।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देना चाहिए


इसके साथ ही, दिल्ली सरकार ने सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है, ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, हर साल बदलते मौसम के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो जाती है, और यह एक सामान्य समस्या बन चुकी है। प्रदूषण की यह समस्या केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के राज्यों में भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

इस समय दिल्लीवासियों के लिए राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, और सेहत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल और मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके और दिल्लीवासियों को फिर से साफ हवा मिल सके।

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