हेल्थ डेस्क। Snoring Problem: क्या आप रात में खर्राटों की आवाज से परेशान हैं? या फिर आपके पार्टनर के खर्राटों से नींद पूरी नहीं हो पाती? शायद आप इसे हल्के में लेते हों, लेकिन खर्राटे सिर्फ नींद खराब करने वाले या रिश्तों में खटास पैदा करने वाले नहीं हैं, बल्कि ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं। आइए, आज इस लेख में खर्राटों के कारणों, गंभीरता और उनसे बचने के उपायों पर विस्तार से चर्चा करें।
Snoring- सिर्फ कानों को तकलीफ ही नहीं, बल्कि सेहत को भी खतरा!
लगभग आधे से अधिक वयस्क कभी-कभार खर्राटे लेते हैं, जबकि 5% आबादी नियमित रूप से खर्राटों से परेशान रहती है। खर्राटों की आवाज नरम सी फुसफुसाहट से लेकर जोरदार गड़गड़ाहट तक हो सकती है, जो न केवल साथ सोने वाले को परेशान करती है, बल्कि खुद खर्राटे लेने वाले व्यक्ति के लिए भी कई स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है।
Snoring- पीछे छिपे कारण
Snoring के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे आम है ऊपरी वायुमार्ग का संकुचित होना। जब हम सोते हैं, तो गले की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे जीभ और नरम तालू वायुमार्ग को संकुचित कर सकते हैं। हवा इस संकुचित मार्ग से गुजरते समय कंपन करती है, जिससे खर्राटों की आवाज पैदा होती है।
खर्राटों के अन्य कारणों में एलर्जी, साइनसाइटिस, नाक का टेढ़ा होना, अधिक वजन, धीमी नींद (स्लीप एपनिया) और धूम्रपान शामिल हैं।
Snoring- गंभीर हो सकती है खर्राटों की उपेक्षा
खर्राटों को लगातार अनदेखा करना कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे:-
स्लीप एपनिया: यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें नींद के दौरान बार-बार सांस रुक जाती है और फिर से शुरू हो जाती है। इससे दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे दिन में थकान, सिरदर्द, याददाश्त कमजोर होना और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हृदय रोग: लगातार खर्राटे लेने से धमनियों में सूजन आ सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
स्ट्रोक: अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से खर्राटे लेने वालों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज: खर्राटे लेने वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
Snoring– बचाव के सरल उपाय
अगर आपको नियमित रूप से खर्राटों की समस्या है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कई सरल उपायों को अपनाकर आप खर्राटों की तीव्रता कम कर सकते हैं या उनसे पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं। आइए, देखें कुछ असरदार उपाय:-
वजन घटाएं: अतिरिक्त वजन वायुमार्ग को संकुचित करने में योगदान देता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखने से खर्राटों को कम करने में मदद मिल सकती है।
सोने की आदतों में बदलाव करें: करवट लेकर सोने की बजाय पीठ के बल सोना, तकिए की ऊंचाई कम करना और सोने से पहले शराब और धूम्रपान का सेवन न करना Snoring को कम करने में मददगार हो सकता है।
नाक बंद होने की समस्या का समाधान करें: यदि नाक बंद होने के कारण खर्राटे आते हैं, तो एलर्जी की दवाएं, नाक की बूंदें या नाक के स्प्रे का उपयोग करें।
नियमित व्यायाम करें: व्यायाम करने से वजन कम करने और ऊपरी वायुमार्ग की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है, जिससे खर्राटों को कम किया जा सकता है।
अपने डॉक्टर से बात करें: यदि उपरोक्त उपायों से खर्राटों में कोई सुधार नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपके खर्राटों की गंभीरता का आंकलन करेंगे और उचित उपचार योजना सुझाएंगे।
गंभीर मामलों में उपचार के विकल्प:
यदि Snoring स्लीप एपनिया जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहे हैं, तो डॉक्टर निम्नलिखित उपचार विकल्पों की सलाह दे सकते हैं:
सीपीएपी (Continuous Positive Airway Pressure) थेरेपी: यह एक प्रभावी उपचार है जिसमें नाक से हवा का प्रवाह देने वाला एक उपकरण पहना जाता है। यह वायुमार्ग को खुला रखने में मदद करता है और खर्राटों को कम करता है।
माउथ गार्ड: यह एक उपकरण है जो रात में पहना जाता है और जबड़े को आगे बढ़ाकर वायुमार्ग को खुला रखने में मदद करता है।
सर्जरी: यदि अन्य उपचारों से कोई लाभ नहीं होता है, तो डॉक्टर वायुमार्ग को चौड़ा करने के लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
खर्राटों से मुक्ति पाकर स्वस्थ और बेहतर जीवन
खर्राटों को अनदेखा करना न केवल नींद में खलल डालता है, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ा सकता है। उपरोक्त उपायों और उपचारों को अपनाकर आप खर्राटों से मुक्ति पा सकते हैं और स्वस्थ और बेहतर जीवन जी सकते हैं।
READ ALSO : Interim Budget : लखपति दीदी योजना क्या है.. जानें इसपर सरकार का क्यों है फोकस