धर्म कर्म डेस्क: जहां पूरे देश में 31 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है । वहीं रक्षाबंधन कुछ ही दिनों के बाद जन्माष्टमी का त्योहार भी आने वाला है। इसी बीच एक ऐसी खबर आ रही है जो साइंस और धर्म-अध्यात्म से जुड़ी है। जी हां हम बात कर रहे है आगामी दिनों में लगने वाले सूर्य ग्रहण की।
जन्माष्टमी के बाद लगेगा सूर्यग्रहण चक्र आकार में होगा सूर्य ग्रहण
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि आने वाले 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण चक्र आकार में होगा। हालांकि यह चक्राकार सूर्य ग्रहण विश्व में केवल अमेरिका व उससे सटे क्षेत्रों में दिखाई देगा। इसका नजारा अमेरिका के ऑरेगन तट से गल्फ ऑफ मैक्सिको तक दिखाई देगा। सूर्यग्रहण भारतीय समय अनुसार 14 अक्टूबर रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर रात्रि 2 बजकर 25 तक समाप्त होगा। इस दिन अश्विन मास के अमावस्या भी पड़ेगा।
रिंग ऑफ फायर कहा जाता है यह सूर्यग्रहण
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि इस सूर्यग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। साथ ही बताया कि इस तरह कि सूर्यग्रहण की स्थिति तब बनती है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। हालांकि चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से ढक नहीं पता, ऐसी स्थिति में सूर्य का आकर एक रिंग की तरह दिखाई देता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि सूर्यग्रहण को नासा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण दिखाया जायेगा। साथ ही आम लोगों को खुली आंखों से सूर्यग्रहण नहीं देखने की अपील की है।
भारत में नहीं दिखेगा यह सूर्यग्रहण
आगामी 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत नहीं दिखाई देगा। यह अमेरिका के ऑरेगन तट से गल्फ ऑफ मैक्सिको तक दिखाई देगा। इस सूर्यग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूरी दुनिया जानती है कि भारत में सूर्य की पूजा की जाती है। यहां धर्म-अध्यात्म को लोग ज्यादा मानते हैं। ऐसे में उन्हें इस सूर्य ग्रहण को लेकर धार्मिक मान्यताओं का पालन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत में इसी साल 20 अप्रैल 2023 को सूर्यग्रहण लगा था। यह साल का पहला सूर्यग्रहण था। वहीं 14 अक्टूबर को साल का दूसरा सूर्यग्रहण होगा।
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