मुंबईः महाराष्ट्र में राजनीति और विवाद किसी फिल्मी स्क्रीनप्ले से कम नहीं रही है और इसमें देवेंद्र फड़नवीस का अहम योगदान है, जो गाहे-बगाहे कंट्रोवर्शियल कमेंट दे ही देते है। ऐसे कई किस्से है, जब महाराष्ट्र के नए सीएम ने ऐसा बयान दिया, जिससे सियासी सरगर्मी बढ़ गई औऱ विवाद शुरू हो गया।
मेरी नहीं, मेरे वकील की गलती थी, जो अनजाने में हुई
साल 2014 में देवेंद्र फड़नवीस पर चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का इल्जाम लगा। उनकी ईमानदारी पर सवाल खड़े किए गए, क्यों कि उन्होंने हलफनामे में संपत्ति को लेकर गलत जानकारी दी थी। उन पर वकील सतीश उके ने कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि उन्होंने चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया, इसलिए उसकी जांच की जानी चाहिए।
उके का कहना था कि फड़नवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया और कहा कि 1996 और 1998 में उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी के दो मामले दर्ज किए गए थे, जिसे उन्होंने छिपाया है। अधिवक्ता का कहना था कि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। इसके बाद कोर्ट में फड़नवीस ने स्वीकारा कि उन्होंने जानकारी नहीं दी थी, लेकिन यह गलती उनके वकील से हुई, जो कि अनजाने में हुई। सितंबर 2023 में नागपुर की अदालत ने उनका पक्ष सुनने के बाद उन्हें बरी कर दिया।
नारा लगाओ, वरना पाकिस्तान जाओ
अप्रैल 2016 में नासिक में एक रैली में फड़नवीस ने विवादित बयान दे दिया। रैली में उन्होंने कहा कि हर भारतीय को भारत माता की जय का नारा लगाना चाहिए, जो लोग ये नारा नहीं लगाते, उन्हें इस देश में रहने का कोई हक नहीं है और उन्हें पाकिस्तान या चीन चले जाना चाहिए। इस बयान के बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया और इस बयान को धर्म से जोड़कर देखा जाने लगा। इसके बाद फड़नवीस ने सफाई दी कि यह किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं था बल्कि उनका मकसद केवल देशभक्ति को बढ़ावा देना था।
2023 में जब औरंगजेब के पोस्टर पर हुआ विवाद
साल 2023 के जून में महाराष्ट्र में औरंगजेब के पोस्टर पर विवाद शुरू हुआ, जो सोशल मीडिया तक सीमित था, लेकिन फड़नवीस के बयान ने इसे बढ़ावा दे दिया। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ जिलों में औरंगजेब की औलादें पैदा हुई है। वे औरंगजेब की फोटो दिखाते, रखते और स्टेटस भी लगाते है। इससे समाज में दुर्भावना और तनाव पैदा हो रहा है। अचानक से औरंगजेब की इतनी औलादें कहां से पैदा हो रहे, इसका मालिक कौन है, वह हम ढुंढेंगे।
फड़नवीस के इस बयान को राजनीतिक विशेषज्ञों ने सांप्रदायिक और मुसलमानों को निशाना बनाया जाने वाला करार दिया। फड़नवीस ने यह भी कहा कि औरंगजेब की तारीफ करने वालों को महाराष्ट्र माफ नहीं करेगा।