पति के अत्याचार, बाबा की हरकतें और सिस्टम की चुप्पी… एक पीड़िता की दास्तां
जमशेदपुर : शहर के सोनारी थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने समाज की संवेदनाओं और व्यवस्था की निष्क्रियता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सोनारी के मनबोध बस्ती बी ब्लॉक स्थित क्वार्टर नंबर C/842 के बाहर एक महिला अपनी बेटी के साथ बीते 24 घंटे से भूखी-प्यासी धरने पर बैठी है। महिला का नाम कोमल सिंह है और उनका आरोप है कि उनके पति ने उन्हें घर से निकाल दिया है और अब वह अपने ही घर में प्रवेश के लिए संघर्ष कर रही हैं।
दिसंबर 2010 में हुई थी शादी, शुरू से ही झेलती रही प्रताड़ना
कोमल सिंह की शादी दिसंबर 2010 में बलदेव सिंह से हुई थी, जो टाटा स्टील में कार्यरत थे। शादी के कुछ समय बाद ही कोमल को ससुराल में अजीब व्यवहार का सामना करना पड़ा। घर में एक वृद्ध बाबा रहते थे जो उनके पति के प्राइवेट पार्ट को छूते थे। जब कोमल ने इसका विरोध किया, तो पति ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी।
बेटे के साथ भी हुई अश्लील हरकतें, विरोध करने पर और बढ़ी प्रताड़ना
कोमल ने बताया कि इस दौरान उन्हें एक बेटा हुआ, लेकिन बाबा की नजर अब बेटे पर भी पड़ गई। वह उसके साथ भी अश्लील हरकतें करने लगे। जब कोमल ने दोबारा विरोध किया तो पति का व्यवहार और हिंसक हो गया। मामला पुलिस थाने से होते हुए तलाक तक पहुंचा, लेकिन पति के माफी मांगने के बाद कोमल ने समझौता कर लिया।

बेटी होने के बाद भी नहीं रुकी बाबा की हरकतें
समय बीतता गया, कोमल को एक बेटी भी हुई, लेकिन बाबा की हरकतें जारी रहीं। घर में आए दिन ओझा-गुनी और तांत्रिकों का जमावड़ा पूजा-पाठ के नाम पर लगा रहता। इसी बीच पति ने कोमल और बच्चों की जरूरतें पूरी करना बंद कर दिया। उन्हें खाने-पीने से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक रोक दी गई।
मायके जाने के बाद टूटा संवाद, अब घर में ताला लगाकर फरार पति
कोमल ने बताया कि हालात से परेशान होकर वह अपनी बेटी के साथ छत्तीसगढ़ स्थित मायके चली गईं। धीरे-धीरे पति से बातचीत पूरी तरह बंद हो गई। जब कोमल हाल ही में दोबारा जमशेदपुर पहुंचीं, तो उन्होंने देखा कि घर में ताला लगा हुआ है और पति अपने बेटे को लेकर फरार है। फोन कॉल्स का कोई जवाब नहीं मिल रहा।
रिश्तेदारों ने भी दिखाया बेरुखी का रवैया
कोमल का आरोप है कि उनके बहनोई और भांजे ने साफ कहा कि “मामा ने घर में घुसने से मना किया है।” पुलिस के पास जाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। आखिरकार, अपनी नन्ही बेटी के साथ उन्होंने घर के बाहर धरने पर बैठने का फैसला लिया।
इंसाफ की तलाश में धरने पर बैठी महिला, व्यवस्था पर उठते सवाल
कोमल ने कहा, “मैं जाऊं तो कहां जाऊं?” अब वह अपने ही घर में घुसने की इजाजत पाने के लिए सड़क पर बैठी है, भूखी-प्यासी। सवाल उठता है कि क्या एक महिला को न्याय पाने के लिए इस कदर दर-दर भटकना पड़ेगा?