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सोनिया गांधी ने छिपा रखे हैं नेहरू से जुड़े अहम दस्तावेज, PM म्यूजियम ने की लौटाने की अपील

राजन और उनके साथ काम कर रही PMML की टीम को सभी प्राइवेट कागजात, तब के PMML के डायरेक्टर की मंजूरी मिली थी। इसके बाद 5 मई, 2008 को 51 कार्टन बॉक्स सोनिया गांधी को भेजे गए।

by Reeta Rai Sagar
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दिल्लीः प्रधानमंत्री म्यूजियम सोसाइटी का कहना है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से जुड़े कई अहम दस्तावेज हैं। इसमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण सहित कई अन्य लोगों के साथ हुए पत्राचार से संबंधित कागजात भी शामिल हैं। अब इसी मसले को लेकर म्यूजियम की ओर से राहुल गांधी को पत्र लिखा गया है।

संग्रहालय के सदस्य रिजवान कादरी ने लिखा राहुल गांधी को पत्र

प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी के सदस्य रिज़वान कादरी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे उन महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स की वापसी में उनकी मदद मांगी है, जो जवाहरलाल नेहरू से जुड़े हैं और सोनिया गांधी के पास रखे हुए हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन, एडविना, जयप्रकाश नारायण से संबंधित है कागजात

बताया जा रहा है कि 2008 में जब सोनिया गांधी UPA के अध्यक्ष के पद पर आसीन थी, तब उन्होंने PMML (जो कि तब नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी या NMML था) से दान किए गए नेहरू के कागजातों का एक बड़ा हिस्सा ले जाने के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया था। बता दें कि अहमदाबाद के रहने वाले रिज़वान कादरी जाने-माने इतिहासकार हैं और PMML सोसाइटी के सदस्य भी हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PMML सोसाइटी के अध्यक्ष हैं।

पहले भी लिखा जा चुका है पत्र

राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा गया है कि ये कागजात नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण सहित अन्य लोगों के साथ हुए पत्राचार से संबंधित हैं। फरवरी, 2024 में आखिरी बार PMML सोसाइटी की बैठक में इस पर चर्चा की गई थी। तब इस पर कानूनी राय ली जाने की सलाह दी गई थी। यह कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी PMML के सदस्यों ने नेहरू से संबंधित कागजात ग़ायब होने का मुद्दा उठाया था।

51 कार्टन वापस ले गई सोनिया गांधी

लेकिन फ़रवरी में पहली बार स्पष्ट रूप से चर्चा हुई कि तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दान किए गए कागजातों में से 51 कार्टन अपने पास रख लिए थे। अब पत्र में रिज़वान कादरी ने उस दौरान की बैठक में हुई इस चर्चा का भी ज़िक्र किया है। 10 दिसंबर को लिखे गए इस पत्र में लिखा गया है कि PMML के रिकॉर्ड के अनुसार, मार्च 2008 में एमवी राजन ने जवाहरलाल नेहरू के डॉक्यूमेंट्स से निजी कागजात और सरकार से संबंधित कागजात को अलग करने के लिए PMML का दौरा किया था। इस अलग किए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, राजन और उनके साथ काम कर रही PMML की टीम को सभी प्राइवेट कागजात, तब के PMML के डायरेक्टर की मंजूरी मिली थी। इसके बाद 5 मई, 2008 को 51 कार्टन बॉक्स सोनिया गांधी को भेजे गए।

भारत की ऐतिहासिक विरास है डॉक्युमेंट्स

इस पत्र में आगे लिखा गया है कि इन बॉक्स में जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, एडविना जैसी हस्तियों से संबंधित पत्र शामिल थे। इसके साथ ही, माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली, विजयलक्ष्मी पंडित, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत के भी। विपक्ष के नेता के तौर पर मैं आपसे इस मुद्दे पर संज्ञान लेने और भारत की ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण की वकालत करने का आग्रह करता हूं।

कागजात या उसकी प्रति या फिर डिजिटली मुहैया कराएं

कादरी की ओर से लिखे पत्र में आगे कहा गया कि जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड ने 1971 में उदारतापूर्वक जवाहरलाल नेहरू के निजी कागजात PMML को दिए थे। ये डॉक्यूमेंट्स भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण कालखंड के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। 2008 में सोनिया गांधी के अनुरोध पर इन दस्तावेजों का एक संग्रह PMML से वापस ले लिया गया था।

हालांकि, अब तक राहुल गांधी या उनके दफ्तर से इस प्रकरण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। रिजवान कादरी की ओर से 9 दिसंबर को इस मामले में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था। उस पत्र में उन दस्तावेजों को भारत के इतिहास का अहम खजाना बताते हुए कहा गया था कि या तो उन कागजातों को लौटाया जाए या प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं या फिर उन तक डिजिटल पहुंच दी जाए।

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