नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब श्रीलंका भी इसमें कूछपड़ा है। श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि कनाडा आतंकियों को पनाह दे रहा है और PM ट्रूडो बिना किसी सबूत के भारत के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं।
साबरी ने कहा कि वो ये देखकर चकित नहीं हुए हैं, क्योंकि ट्रूडो पहले भी ऐसे बेतुके आरोप लगा चुके हैं। ट्रूडो ने इससे पहले श्रीलंका को लेकर भी ऐसा ही झूठ बोला था। तब उन्होंने दावा किया था कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था और ये बात सब जानते हैं।
श्रीलंका के विदेश मंत्री ने आगे कहा- मैं देखा कि उन्होंने वर्ल्ड वॉर 2 में नाजियों के साथ लड़ने वाले किसी शख्स का सम्मान किया। ये नई बात नहीं है कि PM ट्रूडो कई बार अपमानजनक आरोपों के साथ सामने आते हैं, जिसका कोई आधार नहीं होता है। यही नहीं अली साबरी ने कनाडा पर खालिस्तानी आतकंवादियों को पनाह देने का भी आरोप लगाया।
ट्रूडो ने कहा था- श्रीलंका में नरसंहार हुआ:
विदित हो कि इसी साल मई में PM ट्रूडो ने श्रीलंका में गृहयुद्ध खत्म होने की 14वीं सालगिरह पर कहा था कि इस युद्ध में हजारों तमिलों ने अपनी जान गंवाई थी, कई लापता और घायल हुए थे। साथ ही कई लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े थे। ट्रूडो ने कहा था कि इसमें मुलिवाइकल में हुआ नरसंहार भी शामिल है। यही नहीं कनाडा की संसद ने पिछले साल सर्वसम्मति से 18 मई को तमिल नरसंहार स्मृति दिवस घोषित करने का प्रस्ताव भी पारित किया था।
कनाडा ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी अपडेट की
वहीं कनाडा ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी अपटेड की है। इसमें उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कनाडाई नागरिकों से कहा गया है कि वो अलर्ट रहें और सावधानी बरतें, क्योंकि सोशल मीडिया पर कनाडा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नकारात्मक भावनाएं भड़काई जा रही हैं।
कनाडा में खालिस्तानियों ने पाकिस्तानियों के साथ मिलकर भारतीय झंडे को जलाया:
वहीं कनाडा में खालिस्तानियों का एक और भारत विरोधी कारनामा सामने आया है। यहां खालिस्तानियों ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने पाकिस्तानियों के साथ मिलकर भारतीय तिरंगे झंडे को कूड़े के डब्बे में रखकर जला दिया। इसी तरह का विरोध प्रदर्शन टोरंटो में भी किया गया।
श्रीलंका ने चीनी जहाज को रूकने की इजाजत नहीं दी:
श्रीलंका की सरकार ने चीन के जहाज को श्रीलंका में रुकने की इजाजत नहीं दी है। मिली जानकारी के अनुसार चीनी नौसेना के जहाज शिन यान 6 को अक्तूबर में पूर्वी श्रीलंका के बंदरगाह पर करीब तीन महीने तक रुकना था। इस पर भारत ने जासूसी होने की आशंका जताते हुए इस पर आपत्ति जताई।
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि ‘जहां तक मुझे जानकारी है, हमने चीनी जहाज को अक्तूबर में श्रीलंका आने की इजाजत नहीं दी है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी, जो कि सही हैं और हमारे लिए भी बहुत अहम हैं। हमने हमेशा कहा है कि हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखना चाहते हैं।

