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Stampede Tirupati Temple : तिरुपति मंदिर में भगदड़ : 6 श्रद्धालुओं की मौत, 25 से ज्यादा घायल, प्रशासन पर उठे सवाल

by Rakesh Pandey
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हैदराबाद : तिरुपति मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के दौरान भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 25 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हादसा 8 जनवरी की रात में हुआ, जब श्रद्धालु टोकन लेने के लिए तिरुपति मंदिर के पास इकट्ठा हो गए थे। इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और भीड़ प्रबंधन के लिए की गई तैयारियों की पोल खोल दी है।

घटना का कारण : टोकन वितरण केंद्र पर जमा हुई भीड़

जानकारी के मुताबिक, यह हादसा तब हुआ जब तिरुपति मंदिर के बैरागी पट्टेदा इलाके और एमजीएम स्कूल के पास स्थित टोकन वितरण काउंटरों पर भारी भीड़ जमा हो गई। इन काउंटरों पर 9 जनवरी को टोकन वितरण शुरू होना था, लेकिन 8 जनवरी की रात से ही श्रद्धालु वहां जुटने लगे थे। देखते ही देखते यह संख्या 4,000 से ज्यादा हो गई। टोकन वितरण शुरू होने से पहले ही यह भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। इस दौरान कई श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, जिससे घबराहट और अफरातफरी का माहौल बन गया।

मृतकों और घायलों की जानकारी

इस हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जिनमें एक महिला मल्लिका की पहचान हो चुकी है, जबकि अन्य की पहचान की जा रही है। घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया है, जहां उनका इलाज जारी है। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनकी जिंदगी के लिए खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर दुख जताते हुए घायलों से मिलने के लिए अस्पताल जाने का निर्णय लिया है।

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन बीआर नायडू ने हादसे को प्रशासनिक चूक का नतीजा बताया है। उनका कहना था कि डीएसपी द्वारा गेट खोलने की वजह से भीड़ बेकाबू हो गई और हादसा हुआ। घटना के बाद टीटीडी के अधिकारियों और जिला प्रशासन ने घायलों का हाल जानने के लिए अस्पताल का दौरा किया। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में पुलिसकर्मियों को घायलों को सीपीआर देते हुए देखा गया, जो इस बात को दर्शाता है कि पुलिसकर्मी भी इस हादसे से निपटने में पूरी तरह से सक्षम नहीं थे।

सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

प्रशासन की ओर से हर साल वैकुंठ एकादशी के दौरान तिरुपति मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्था की जाती है। इस साल भी 10 जनवरी से 19 जनवरी तक दर्शन कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। हालांकि, इस हादसे ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। टोकन वितरण के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, लेकिन पहले ही दिन हुई इस भगदड़ ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

आगे की योजना और सुरक्षा उपाय

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्त करने का वादा किया है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और अन्य संसाधन लगाए जाएं। साथ ही, अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए टोकन वितरण व्यवस्था में सुधार किया जाएगा और अतिरिक्त कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी घायलों से मिलने के बाद इस मामले की जल्द जांच करने का आदेश दिया है।

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