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CSIR-NML : एनएमएल में मैग्नीशियम धातु के उत्पादन के लिए पायलट प्लांट की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम : डॉ. एन. कलैसेल्वी

सीएसआईआर-एनएमएल में समारोहपूर्वक मना प्लेटिनम जुबिली वर्ष स्थापना दिवस

by Anand Mishra
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जमशेदपुर : शहर के बर्मामाइंस स्थित सीएसआईआर-नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेटरी (CSIR-NML) ने मंगलवार को प्लेटिनम जुबली वर्ष पर स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर की डायरेक्टर जेनरल व डीएसआईआर की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने नीलडीह में मैग्नीशियम धातु के उत्पादन के लिए पायलट प्लांट की आधारशिला रखी। इससे पूर्व अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर समारोह की शुरुआत की। इस अवसर पर डॉ. एन. कलैसेल्वी, सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, टाटा स्टील के स्टील मैन्युफेक्चरिंग विभाग के उपाध्यक्ष चैतन्य भानु, और सीएसआईआर-एनएमएल के प्रशासनिक अधिकारी आदित्य मैनाक उपस्थित थे। समारोह में डॉ. संदीप घोष चौधरीने स्वागत भाषण करते हुए सीएसआईआर-एनएमएल के विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान को रेखांकित किया। साथ ही और संस्थान की स्थापना से लेकर अब तक के सफरनामे पर प्रकाश डाला।

डॉ. कलैसेल्वी का संबोधन और बधाई

डॉ. एन. कलैसेल्वी ने सीएसआईआर-एनएमएल परिवार को प्लेटिनम जुबली के अवसर पर बधाई दी। उन्होंने संस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों, जैसे कि उत्पादों और प्रक्रियाओं के व्यावसायिकीकरण और सामाजिक मिशन में योगदान की सराहना की। डॉ. कलैसेल्वी ने कहा कि नीलडीह में मैग्नीशियम धातु के उत्पादन के लिए पायलट प्लांट की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे संस्थान को वैश्विक बाजार में नई दिशा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बाजार में अब अत्यधिक संभावनाएं हैं। अधिकतम लाभ के लिए हमें इस बाजार में अपनी पहुंच बनानी होगी। उन्होंने समय के साथ मेल खाती प्रौद्योगिकियों के विकास की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। साथ ही युवा शोधकर्ताओं के अधिक से अधिक जुड़ाव की आवश्यकता पर बल दिया और उनसे संयुक्त उद्यम की दिशा में काम करने की अपील की।

सामाजिक सरोकार और पुरस्कार वितरण

समारोह के दौरान सीएसआईआर-एनएमएल ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के सदस्यों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया। इनमेंं प्रमुख पुरस्कार थे – प्रो. वी.ए. आल्टेकर पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ तकनीकी लाइसेंस और व्यावसायिकीकरण), डॉ. बी.आर. निगमवांन पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र), प्रो. शिलोभद्र बनर्जी पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ इन-हाउस परियोजना), प्रो. पी. रामचंद्र राव पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी) और कई छात्रों को उनकी शैक्षिक उपलब्धियों के लिए मेरिटोरियस पुरस्कार प्रदान किए गए।

इस साल के पुरस्कार विजेताओं में डॉ. बी.आर. निगमवांन पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मिस निष्ठा गुप्ता और डॉ. पल्व भट्टाचार्य शामिल थे, जिन्होंने “माइक्रोवेव-प्लाज्मा प्रेरित एक-चरणीय संश्लेषण” पर शोध पत्र प्रकाशित किया था। प्रो. शिलोभद्र बनर्जी पुरस्कार के लिए डॉ. कृष्ण कुमार, मिस य उषा और उनके साथियों ने “मैग्नीशियम धातु उत्पादन के लिए एनएमएल की रिटोर्ट प्रौद्योगिकी पर अध्ययन” पर अपने प्रोजेक्ट के लिए पुरस्कार प्राप्त किया। प्रो. पी. रामचंद्र राव पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी के तौर पर एचएस तिर्की और सीताराम मुर्मू को सम्मानित किया गया।

स्मृति संकलन और पूर्व निदेशकों का संबोधन

समारोह के दौरान पूर्व निदेशकों ने भी अपने संबोधन में सीएसआईआर-एनएमएल की ऐतिहासिक और वैज्ञानिक धरोहर पर चर्चा की और संस्थान के योगदान को याद किया। उन्होंने पिछले 75 वर्षों में खनिज, धातु और सामग्री विज्ञान के क्षेत्र में सीएसआईआर-एनएमएल द्वारा किए गए ऐतिहासिक नवाचारों की सराहना की।

मेरीटोरियस अवार्ड्स

प्रथम श्रेणी : जिन बच्चों/वार्ड्स ने बोर्ड परीक्षा (ICSE/CBSE/Jharkhand Board) में 10वीं और 12वीं कक्षा में 90% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए, उन्हें पुरस्कार प्रदान किए गए।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता : आदिति उपाध्याय, प्रणम्या नागरे, न्यासा महतो, तानिशा सिफा रुंडा व अन्य।
द्वितीय श्रेणी : जिन बच्चों/वार्ड्स ने 10वीं और 12वीं कक्षा में किसी विषय में 100% अंक प्राप्त किए, उन्हें भी पुरस्कार मिला।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता : अनन्या मोहंती और सोहम वर्मा।

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