जमशेदपुर: तारापोर, एग्रिको स्कूल ने एक छात्रा को सिर्फ इसलिए स्कूल आने से रोक दिया क्योंकि वह 15 अगस्त को झंडोतोलन की तस्वीर लेने के लिए स्कूल में मोबाइल लेकर पहुंच गया था। रोहन कुमार जो स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र है ने 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के दिन स्कूल में होने वाले कार्यक्रम का फोटो लेने हेतु वह अपने ‘मात’ पिता से छिपाकर पिता का मोबाइल फोन स्कूल ले गया था।
स्कूल कैंपस में रोहन के हाथ में मोबाइल फोन देख स्कूल के एक टीचर द्वारा रोहन से वह मोबाइल फोन छिनते हुए उसे स्कूल से बाहर कर दिया गया। इसके अलावा स्कूल में मोबाइल फोन स्कूल लाने के दंड स्वरूप स्कूल के प्रिंसीपल द्वारा उसके स्कूल आने पर रोक लगा दिया गया जो अब भी जारी है और रोहन स्कूल नहीं जा पा रहा है।
माफीनामा लिखवाने के बाद भी छात्र को नहीं मिली स्कूल आने की अनुमति:
छात्र के अभिभावकों का आरोप है कि इस संबंध में स्कूल के प्रिंसीपल द्वारा उनसे माफीनामा भी लिखवाया गया। लेकिन माफीनामा लेने के बाद भी स्कूल के प्रिंसीपल इसिता डे द्वारा रोहन के स्कूल आने पर लगाए गए रोक को सही कहते हुए धमकी दी कि मैं देखती हूँ आपका बेटा कैसे 9 क्लास पास करता है। जबकि रोहन का 10 वीं बोर्ड का स्कूल में रेजिस्ट्रेशन भी हो चुका है।
अभिभावक संघ ने शिक्षा विभाग से की शिकायत:
इस मामले की शिकायत अभिभावक संघ के नेतृत्व में अभिभावकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से करते हुए बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षा से वंचित करना उचित नहीं है इससे राहुल का पूरा करियर बर्बाद हो सकता है।
जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार ने कहा कि यह बाल अधिकारों का हनन है हर छात्र का अधिकार है कि वह शिक्षा प्राप्त करें लेकिन स्कूल प्रबंधन उसे शिक्षा से वंचित कर रहा है जो की एक अपराध है।
वर्जन:
: किसी छात्र को उसकी एक गलती के लिए शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। हम स्कूल से कहेंगे कि वह अपने फैसले को वापस लेते हुए छात्र को स्कूल आने दे। ऐसा नहीं करने पर स्कूल को शो काज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा। कोई भी स्कूल किसी छात्र को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकता है। निर्मला कुमारी बरेलिया डीईओ