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Surya Grahan 2024: अप्रैल में लगेगा इस साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए कहां-कहां दिखाई देगा

by The Photon News Desk
Surya Grahan 2024
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Surya Grahan 2024 : साल का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल में चैत्र अमावस्या के दिन लगने जा रहा है। ये खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। ऐसा ग्रहण तब लगता है जब सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पूरी तरह से पृथ्वी पर जाने से रुक जाता है। जिससे सूर्य दिखना बंद हो जाता है और धरती पर अंधेरा छा जाता है। इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस ग्रहण को अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. इससे आंखों को नुकसान हो सकता है।

किस दिन लगेगा ग्रहण? (Surya grahan 2024)

चैत्र अमावस्या पर 8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। ये साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। 8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण रात 09:12 बजे से मध्य रात्रि 01:25 बजे तक रहेगा। कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट तक रहेगी। ये सूर्य ग्रहण मीन राशि, स्वाती नक्षत्र में लगेगा।

25 मार्च को भी लगा था चंद्र ग्रहण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहणकाल के दौरान हमारे आसपास की हर चीज प्रभावित होती है। मार्च में 25 तारीख को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगा था, हालांकि भारत में यह दिखाई नहीं दिया था, इसलिए इसका प्रभाव भी यहां मान्य नहीं हुआ।

कहां-कहां दिखेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कनाडा, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स, अरूबा, बर्मुडा, करेबियन नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, आयरलैंड, आइसलैंड, जमाइका, नॉर्वे, पनामा, निकारगुआ, रूस, पोर्तो रिको, सैंट मार्टिन, स्पेन, द बहामास, यूनाइटेड किंग्डम और वेनेजुएला समेत दुनिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। यह भारत में नहीं दिखायी देगा, इसलिए सूतक काल भी यहां मान्य नहीं होगा । यह सबसे पहले मेक्सिको के Mazatian शहर में दिखेगा।

कितनी तरह से होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूरज, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच ऐसी स्थिति आ जाती है कि चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर जाने से रोक देता है। इस स्थिति में चंद्रमा की पूर्ण छाया पृथ्वी पर पड़ती है और अंधेरा हो जाता है। इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।

जब चंद्रमा की परछाई पूरे हिस्से को नहीं ढकती और केवल पृथ्वी का एक ही हिस्सा ढंकता है तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पूर्ण और आंशिक के अलावा सूर्य ग्रहण का एक और तरीका वलयाकार सूर्य ग्रहण होता है। इस स्थिति में सूरज रिंग ऑफ फायर की तरह दिखने लगता है। यह तब होता है, जब आसमान में सूर्य से छोटा चंद्रमा दिखाई दे। इस कारण यह सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता और आसमान में एक छल्ला दिखाई देता है।

Surya Grahan 2024 ; क्या है ग्रहण की धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक काल का भी खास ध्यान रखना होता है। ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है। सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय माना जाता है। इसलिए सूतक काल में भी कोई मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

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