

RANCHI: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर को लेकर झारखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खास विधायक प्रतिनिधि और झामुमो नेताओं के इशारे पर पुलिस-माफिया गठजोड़ द्वारा कराई गई है। प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने सूर्या हांसदा की मौत को लेकर गठित जांच समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा कि सूर्या कोई अपराधी नहीं थे, बल्कि एक संवेदनशील सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता थे, जो अवैध खनन, घुसपैठ और धर्मांतरण के खिलाफ मुखर थे।

11 जून को सूर्या को मिली थी धमकी
बाबूलाल ने बताया कि 11 जून 2025 को गोड्डा में झामुमो की सभा में सूर्या हांसदा को खुली धमकी दी गई थी। अगले ही दिन 12 जून को उनके खिलाफ एक झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें अपराधी बनाने की कोशिश की गई। दो महीने बाद पुलिस ने उन्हें गोली मार दी, लेकिन पुलिस की एनकाउंटर थ्योरी झूठी प्रतीत होती है क्योंकि पोस्टमार्टम में गोली पेट में लगी पाई गई, न कि पीठ में। उन्होंने बताया कि जिन 24 मुकदमों की बात पुलिस कर रही है, उनमें से 14 में वे बाइज्जत बरी, 5 में जमानत पर और बाकी में विचाराधीन थे। 27 मई की जिस घटना के आधार पर एफआईआर की गई, उस दिन सूर्या अपने बेटे का जन्मदिन मना रहे थे। यहां तक कि जिस कंपनी की गाड़ी जलाने की बात की गई उस घटना की कोई रिपोर्ट संबंधित कंपनी ने भी नहीं की थी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठाए सवाल
भानु प्रताप शाही ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाए और कहा कि मीडिया को घटनास्थल से दूर रखा गया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर मिले टॉर्चर के निशान को छुपाया गया। भाजपा नेताओं ने कहा कि सूर्या हांसदा ने 400 अनाथ बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली थी। उन्हें अपराधी साबित कर हत्या करना आदिवासियों के साथ अन्याय है। सीबीआई जांच की मांग को दोहराते हुए कहा गया कि सरकार अविलंब इसकी अनुशंसा करे।

