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तालिबान आर्मी ने दी धमकी, पाकिस्तान का नामोनिशां मिटा देंगे

अफगानी रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि बमबारी महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को टारगेट करके की गई थी। इसके साथ ही यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के हमलों में मारे गए सभी लोग वजीरिस्तान क्षेत्र के शरणार्थी थे।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्कः पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच, इस्लामाबाद ने रात भर हवाई हमले किए, जिसमें संदिग्ध तालिबानी ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि हमले में एक प्रशिक्षण केंद्र को ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें कुछ आतंकवादी भी मारे गए हैं।

पाकिस्तान ने तालिबानी शिविर में किए 6 धमाके

खबरों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से तालिबान शिविर में कम से कम छह विस्फोट हुए हैं। इसके साथ ही टीटीपी के चार बड़े शिविरों को भी नष्ट किया गया है, जिसमें तालिबान कमांडर शेर जमां उर्फ मुखलिस यार, अख्तर मुहम्मद उर्फ खलील, अजहर उर्फ हमजा और शोएब चीमा भी मारा गया है। इस हमले में उमर मीडिया के कार्यालय को भी नष्ट कर दिया गया है।

मरने वालों की कुल संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह संख्या 25 से 30 के बीच है। अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के बारमल जिले में सीमा के पास तालिबानियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।

अफगानिस्तान ने कहा, कायराना करतूत

हमले के बाद अफगानिस्तान ने एक बयान में हमलों की कड़ी निंदा की है और इसे ‘कायराना करतूत’ करार दिया है। अफगान रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात इसे सभी अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और खुल्लमखुल्ला आक्रामकता के खिलाफ एक क्रूर करतूत मानता है और इसकी कड़ी निंदा करता है।

महिलाओं और बच्चों समेत नागरिकों पर हमले

आगे अफगानी रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि बमबारी महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को टारगेट करके की गई थी। इसके साथ ही यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के हमलों में मारे गए सभी लोग वजीरिस्तान क्षेत्र के शरणार्थी थे। यह भी कहा गया है कि इस्लामी अमीरात इस कायराना हमले का जवाब देगा। स्थानीय लोगों ने भी दावा किया है कि हवाई हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम आठ लोग मारे गए हैं।

इसके बाद अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जंग की स्थिति उत्पन्न हो गई है। 15 हजार के करीब तालिबानी सैनिक खैबर पख्तूनवा की ओर आगे बढ़ रहे है। इसके पीछे आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान का हाथ होने की खबर है। टीटीपी पाकिस्तान पर कब्जा करके सरिया कानून लागू कराना चाहती है।

पाकिस्तान और तालिबान का संघर्ष
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद का कहना है कि तालिबान पाकिस्तान पर हमले करने के लिए पड़ोसी देश की जमीन का इस्तेमाल करता है। इसके बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है। मार्च 2024 के बाद से यह दूसरी बार है। इससे पहले, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक खुफिया हमला किया था, यह जानकारी पाकिस्तान ने दी थी।

अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक के काबुल दौरे के कुछ ही घंटों बाद यह हमला किया गया। वहां उन्होंने अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से मुलाकात की और इस संबंध में व्यापक चर्चा की।

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