पटना : बिहार में नटवरलालों की कमी नहीं है। फर्जीवाड़ा भी दिमाग का ही खेल है। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि दिमाग कहां लगाया जाए। कम समय में बिना मेहनत किए कैसे लखपति बना जाए। ऐसे लोगों को शायद इस बात की फिक्र भी नहीं होती कि वे अपराध कर रहे हैं और पकड़े जाने पर जेल की हवा खानी पड़ेगी।
ऐसे मिनटों में वसूल लिए लाखों
मामला बक्सर जिले का है जहां इस शातिर ने दिमाग बहुत लगाया। सड़क पर ऐसी भाव-भंगिमा में खड़ा हो गया जैसे असली जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) हो। अधिकारी की तरह लुक और तेवर दिखाते हुए उसने सड़क से गुजर रही गाडियों को रोकने लगा और उनसे वसूली करनी शुरू कर दी। ऐसा करते हुए सिर्फ 35 मिनट में उसने करीब 15 लाख रुपये की वसूली कर डाली। प्रशासन को इसकी भनक नहीं लगी। मीडिया की गाड़ी वहां पहुंची तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया। तबतक वसूली करनेवाले फ्रॉड अपना काम करके निकल गया।
बक्सर-पटना नेशनल हाइवे का है मामला
बिहार में ये वाकया बक्सर-पटना नेशनल हाइवे पर हुआ। नेशनल हाइवे 922 के आखिरी छोर पर गंगा नदी पुल के पास डीटीओ बने इस ठग ने सड़क पर जमकर वसूली की। खास बात यह भी है कि उसने सिर्फ बालू लादकर वहां से गुजर रहे ट्रकों को अपना निशाना बनाया। बालू लदे हर ट्रक को रोककर मोटी रकम ऐंठ ली। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की गाडी अक्सर नेशनल हाइवे और गंगा पुल के पास घूमती रहती है। पुलिस की गाड़ी भी इस फर्जीवाड़े की घटना से बेखबर रही। मामला उजागर होने के बाद अब बक्सर के एसपी मीडिया को कह रहे हैं कि उन्हें इस फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी मिली है। अगर कोई शिकायत करता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
होती रही वसूली, किसी को नहीं हुआ शक
फर्जीवाड़े का यह वाकया गुरुवार की रात 11 बजे के करीब हुआ। गंगा पुल से सटे गोलंबर बना हुआ है। वहीं पर यह ठग खुद को जिला परिवहन पदाधिकारी बता कर खड़ा हो गया। बालू लदे ट्रकों को रोककर जांच का ढोंग करने लगा। रात में आम लोगों की आवाजाही कम होने के कार स्थानीय लोग इससे बेखबर थे। किसी को शक भी नहीं हो रहा था। लेकिन बालू लदे ट्रक मोटा चढ़ावा देकर वहां से निकल रहे थे।
मौजूद पुलिसवाले भी समझ रहे थे कि साहब जांच कर रहे हैं
उस दौरान कुछ ही दूरी पर पुलिस वाले भी मौजूद थे। लेकिन उन्हें जानकारी थी कि जिला परिवहन पदाधिकारी ट्रकों की जांच कर रहे हैं। उधर, खुद को डीटीओ बता रहा व्यक्ति अपने साथ कुछ औऱ लोगों को भी लेकर आया था ताकि यह लगे की डीटीओ साहब पूरी टीम के साथ हैं। साथ वाले लोग बालू लदे ट्रकों को पकड़ रहे थे और सबों को ओवरलोडिंग की फाइन करने की धमकी दे रहे थे।
20 से 50 हजार प्रति ट्रक होती रही वसूली
फर्जी डीटीओ ने बालू लेकर जा रहे जिन ओवरलोड ट्रकों को पकड़ा, उसके ड्राइवर 20 से 50 हजार रुपये तक आसानी से देते चले गए। दरअसल ओवरलोडिंग के मामले में दो लाख से ज्यादा के सरकारी जुर्माने का प्रावधान है। वैसे बक्सर गंगा पुल के पास पासिंग गिरोह भी सक्रिय रहता है। यह गिरोह सेटिंग कर ओवरलोडेड ट्रकों को पार कराता है। इस गिरोह के बीच चर्चा है कि डीटीओ बनकर वसूली करनेवाले ने सिर्फ 35 मिनट में 14 लाख 90 हजार रूपये वसूल लिये थे। इसी बीच पत्रकार वहां पहुंच गये। पत्रकारों को शक हुआ तो उस शख्स से पूछताछ करनी शुरू कर दी। पत्रकारों के सवाल से वह व्यक्ति घबरा गया। पकड़े जाने के भय से वह हड़बड़ाकर अपनी गाड़ी में बैठा और आरा की ओर तेली से निकल भागा। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि उसके साथ दो गाड़ियों में लोग थे। एक सफेद और दूसरी काले रंग की एसयूवी थी।