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दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ में बंद हुर्रियत नेता के खिलाफ दायर की याचिका और NIA से मांगा जवाब

उसे केंद्रीय कारागार संख्या 8/9 में अपने छह साल के प्रवास के दौरान IPCS और ई-मुलाकात की सुविधाएं प्राप्त थीं।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तिहाड़ जेल अधिकारियों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को हुर्रियत नेता नसीम अहमद खान द्वारा दायर की गई याचिका पर नोटिस जारी किया। खान ने तिहाड़ जेल के केंद्रीय कारागार संख्या 3 में 2023 के अंत में शिफ्ट किए जाने के बाद उसके लिए इनमेट फोन कॉल सिस्टम (IPCS) और ई-मुलाकात सुविधा की बहाली की मांग की है।

जेल में ई-मुलाकात की सुविधा प्राप्त थी हुर्रियत नेता को

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अगुवाई वाली पीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 18 मार्च, 2025 को निर्धारित की है। खान ने तर्क दिया कि उसे केंद्रीय कारागार संख्या 8/9 में अपने छह साल के प्रवास के दौरान IPCS और ई-मुलाकात की सुविधाएं प्राप्त थीं। हालांकि, जब उन्हें एक अलग जेल विंग में शिफ्ट किया गया, तो बिना किसी औपचारिक स्पष्टीकरण के ये सुविधाएं हटा दी गईं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जेल अधीक्षक ने मनमाने तरीके से इन सुविधाओं को रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि NIA से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की आवश्यकता है।

जम्मू-कश्मीर आतंकवादी वित्त पोषण मामले में गिरफ्तार है खान

याचिका में यह भी दावा किया गया है कि NIA ने NOC को रोकने का कोई कारण नहीं बताया और न ही इसके लिए कोई कानूनी आधार प्रदान किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, एजेंसी ने निचली अदालत में यह कहा था कि कोई कानून नहीं है, जो अभियोजन एजेंसियों को ऐसी स्वीकृति देने का आदेश देता हो। खान को 24 जुलाई 2017 को जम्मू-कश्मीर आतंकवादी वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में एक आरोपी के रूप में बना हुआ है। उस पर 10 मई 2022 को भारतीय दंड संहिता और UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।

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