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कोर्ट को ही रोकनी पड़ी कोर्ट की लाइव प्रोसिडिंग, बेंगलुरु को पाकिस्तान कहा था

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क : कई मामलों में अदालत की कार्यवाही लाइव किए जाने की अनुमति दी जाती है, तो कई बार इसे अनधिकृत तरीके से भी शेयर किया जाता है। लेकिन अब कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने इस पर रोक लगा दी है। मंगलवार को हाई कोर्ट ने यह प्रतिबंध मीडिया एजेंसियों और अन्य व्यक्तियों पर लगाया है।

रिपोर्ट की मानें तो, जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की सिंगल बेंच ने कहा है कि अगली तारीख से पहले रेस्पॉन्डेंट R-6 और R-8 (Facebook, YouTube and X) को कोर्ट प्रोसिडिंग के लाइव स्ट्रीम किए गए वीडियो शेयर करने से रोका जाता है। रेस्पॉन्डेंट R-9 और R-14 (Media Agencies) को अपने चैनल पर वीडियो दिखाने से रोका जाता है। फेसबुक (Facebook), यूट्यूब (YouTube) और एक्स (X) को उन वीडियो को हटाने का निर्देश दिया जाता है, जिन्हें पोस्ट करते हुए नियमों का उल्लंघन हुआ है।

कोर्ट ने यह अंतरिम फैसला बेंगलुरु के एडवोकेट एसोसिएशन (Advocate Association) द्वारा याचिका दायर किए जाने पर दिया है। ये याचिका किसी भी कोर्ट प्रोसिडिंग (Court Proceeding) को लाइव दिखाए जाने के खिलाफ दायर की गई थी। सोशल मीडिया पर दो वीडियो क्लिप के आने के बाद इस याचिका को दायर किया गया। उन दो वीडियो क्लिप में कर्नाटक हाई कोर्ट के जज वी श्रीशानंद बेंगलुरु के एक इलाके को पाकिस्तान कह रहे थे और दूसरे क्लिप में वे किसी महिला वकील पर अभद्र टिप्पणी कर रहे थे।

इसके बाद ही निर्णय लिया गया। एडवोकेट एसोसिएशन ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग कम से कम तब तक रोकी जानी चाहिए, जब तक खुली अदालत में क्या कहा जा सकता है, इस पर अधिक जागरूकता न बन जाए।

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