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तमिलनाडु मंदिर उत्सव में दर्दनाक हादसा: अंगारों पर गिरने से भक्त की मौत, मन्नत पूरी करने उतरा था गड्ढे में

by Neha Verma
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रामनाथपुरम: तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित कुयावनकुडी गांव में एक धार्मिक उत्सव के दौरान एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां थीमिधि थिरुविझा नामक परंपरागत अग्नि अनुष्ठान के दौरान 56 वर्षीय एक भक्त, केशवन की जलते अंगारों के गड्ढे में गिरने से मौत हो गई। हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

यह वार्षिक अनुष्ठान सुब्बैया मंदिर उत्सव का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत इस वर्ष 10 अप्रैल को हुई थी। इस धार्मिक परंपरा में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद जलते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं और इसे आस्था व आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

मन्नत पूरी करने के लिए उतरे थे अंगारों में

केशवन, जो रामनाथपुरम जिले के वालंथरावाई गांव के निवासी थे, भी इस अनुष्ठान में भाग लेने आए थे। मन्नत पूरी करने के दौरान जब वे अंगारों पर चल रहे थे, तब संतुलन बिगड़ने से वे सीधे अंगारों के गड्ढे में गिर पड़े। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों को भयभीत कर गया।

मंदिर प्रशासन और बचाव दल ने तत्परता दिखाते हुए केशवन को तुरंत जलते अंगारों से बाहर निकाला और इलाज के लिए रामनाथपुरम जिला सरकारी अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, गंभीर रूप से झुलस चुके केशवन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु के अवरंगाडु में स्थित अग्नि मरियम्मन मंदिर में भी इसी तरह का हादसा सामने आया था। वहां एक व्यक्ति अपने छह महीने के बच्चे के साथ अग्नि-पथ पर चलते समय गिर पड़ा था। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

इन घटनाओं ने थीमिधि थिरुविझा जैसे धार्मिक अनुष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि यह अनुष्ठान श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है, लेकिन लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने इसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर

हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने अनुष्ठानों के दौरान सुरक्षा मानकों को कड़ा करने की बात कही है। मंदिर समिति से भी कहा गया है कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों में प्राथमिक चिकित्सा, अग्नि सुरक्षा और बचाव दल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

इस दुखद घटना ने भक्तों और स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, और धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा की अनदेखी पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।

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