बांका : बिहार के बांका जिले के बलुआ गांव में एक हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। कर्ज के बोझ से दबे एक परिवार ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया। शुक्रवार की आधी रात को पति-पत्नी ने जहर खाकर अपनी जान दे दी और अपने तीन बच्चों को भी जहर खिला दिया। इस घटना में पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि तीनों बच्चों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
कर्ज का दबाव बना मौत का सबब
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार ने कई प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों से कर्ज लिया था। लगभग 10 लाख रुपये का कर्ज उनके सिर पर था। कर्ज चुकाने का लगातार बढ़ता दबाव उन्हें मानसिक रूप से तोड़ रहा था। कर्ज वसूली एजेंटों का लगातार आना-जाना और धमकी भरे बोल इस परिवार के लिए जीना मुहाल कर रहे थे। आखिरकार, इसी तनाव में आकर पति कन्हाय महतो (39) और उनकी पत्नी गीता देवी (35) ने यह खौफनाक कदम उठाया।
बच्चे की सूझबूझ ने बचा ली जानें
इस दर्दनाक घटना का खुलासा तब हुआ जब परिवार का सबसे छोटा बेटा राकेश (8 वर्ष) चिल्लाता हुआ गांव वालों के पास पहुंचा। उसने बताया कि उसकी मां ने सभी को जहर खिला दिया है, लेकिन उसने जहर उगल दिया। राकेश की सूझबूझ ने अपने भाई-बहन की जान बचा ली। ग्रामीणों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर सभी को अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में दंपती ने तोड़ा दम
गंभीर हालत में सभी को अमरपुर के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें भागलपुर के मायागंज अस्पताल रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने कन्हाय महतो और गीता देवी को मृत घोषित कर दिया। बच्चों सविता (16 ) और धीरज (12 ) का इलाज जारी है।
गांव में पसरा मातम
इस घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है। ग्रामीणों ने बताया कि कन्हाय और गीता एक साधारण परिवार से थे और वे हमेशा खुश रहते थे। लेकिन कर्ज का बोझ उनके लिए बहुत बड़ा साबित हुआ। कर्ज वसूली एजेंटों की धमकियों और मानसिक प्रताड़ना ने उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।