नई दिल्ली : मथ्य एशिया के देश, इज़राइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, शनिवार को इज़राइल ने घोषणा की है, कि उसने ईरान के सैन्य ठिकानों पर “सटीक हमले” किए हैं, इज़राइली सैन्य अधिकारियों इन हमलों के बारे में कहा है कि, ये हमले इज़राइल के खिलाफ ईरान द्वारा “महीनों से लगातार किए जा रहे हमलों” का जवाब हैं।
ईरानी राज्य मीडिया ने तेहरान के आसपास कई विस्फोटों की सूचना दी, राज्य टेलीविजन के अनुसार ” आसपास के इलाकों में बड़े विस्फोट सुने गए हैं, हालांकि उन्होंने इसका कारण नहीं बताया है।
1 अक्टूबर को जब ईरानी द्वारा मिसाइल हमले किये गए थे तो इसके बाद इज़राइल ने इन हमलों के जवाब, धमाकों से देने की कसम खाई थी। इजराइल देश हर तरफ से अपने देश की सीमा को सुरक्षित करने और हूँ रहे हमलों का जवाब साहस से दे रहा है, एक तरफ हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले के बाद, इज़राइल ने गाजा में भी अपनी सेना को बढ़ा दिया है और दूसरी तरफ ईरान द्वारा समर्थित एक अन्य ग्रुप हिज़्बुल्लाह द्वारा पैदा किये गए खतरों से अपनी उत्तरी सीमा की रक्षा के लिए लेबनान पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इज़राइली सेना ने यह घोषणा भी की है डिफेन्स और ऑफेन्स दोनों तरह से लड़ने के लिए तैयार बैठा है, हालांकि देश के नागरिकों से अलर्ट रहने को कहा गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने इज़राइल का समर्थन करते हुए किये गए हमलों को “आत्मरक्षा का अभ्यास” बताया, जो ईरान द्वारा पहले किए गए मिसाइल हमले की तरफ इशारा देता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सेवेट ने कहा कि ये हमले उस आक्रामकता का सीधा जवाब हैं। इस बीच, सीरियाई सरकारी समाचार ने बताया कि दमिश्क के पास हवाई सुरक्षा बलों ने “शत्रु लक्ष्यों” को रोका, क्षेत्र में विस्फोटों की आवाजें सुनी गई, हालांकि इन विस्फोटों का स्रोत अभी तक स्पष्ट नहीं है।
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