

RANCHI: झारखंड के किशोरों में स्वास्थ्य जागरूकता और सकारात्मक जीवनशैली को बढ़ावा देने को लेकर स्वास्थ्य विभाग रेस हो गया है। इस उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), झारखंड द्वारा राज्य भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में हर माह के पहले शनिवार को उमंग दिवस मनाया जाएगा। यह पहल 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोर-किशोरियों के लिए पहली बार शुरू की जा रही है। अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि किशोर अवस्था एक निर्णायक मोड़ होती है और इस उम्र में सही मार्गदर्शन किशोरों को जीवन में सही दिशा प्रदान कर सकता है। उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि बीमार होने से बेहतर है कि हम पहले से ही स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।

किशोरों के मुद्दों पर चिंता जताई
मातृत्व कोषांग की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. पुष्पा ने किशोरों में आत्महत्या की प्रवृत्ति, मोबाइल एडिक्शन, बाल विवाह और टीन एज प्रेग्नेंसी जैसे गंभीर मुद्दों पर चिंता जताई। उन्होंने इन विषयों पर संवाद और परामर्श की जरूरत बताई। वहीं डॉ. एलआर पाठक ने किशोरों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जरूरत पर बल दिया, जबकि डॉ. लाल मांझी ने तनाव और मोटापे की बढ़ती समस्या को रेखांकित किया।

पोस्टर और मार्गदर्शिका का लोकार्पण
उन्होंने स्वास्थ्य सहिया (आशा), आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम और किशोरों की सामुदायिक भूमिका को अहम बताया। कार्यक्रम के दौरान “उमंग दिवस” से संबंधित पोस्टर और मार्गदर्शिका का भी लोकार्पण किया गया। इससे पहले कार्यक्रम की तैयारियों, जागरूकता और बेहतर समन्वय के लिए सोमवार को नामकुम स्थित लोक स्वास्थ्य संस्थान सभागार में राज्य स्तरीय दो दिवसीय कंसल्टेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) और यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित किया गया है।

इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में NHM के विभिन्न कोषांगों के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परामर्शी, जिला कार्यक्रम समन्वयक, अर्श काउंसलर, पियर एजुकेटर, शिक्षा विभाग, जेएसएलपीएस, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत डेवलपमेंट पार्टनर्स भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन राज्य कार्यक्रम समन्वयक अकय मिंज ने किया और RKSK की राज्य समन्वयक रफत फरजाना ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी PPT के माध्यम से दी।
