रामबन : जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार को आई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (NH-44) पर जगह-जगह भूस्खलन और जलभराव के कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई। ऐसे में आम यात्रियों के साथ-साथ एक बारात भी बीच रास्ते में फंस गई।
जब सबने उम्मीद छोड़ी, दूल्हे ने लिया साहसिक फैसला
जहां लोग हालात के सामने हार मान लेते हैं, वहीं दूल्हे हशखोर अहमद ने एक अभूतपूर्व और साहसी निर्णय लिया। उन्होंने तय किया कि वे किसी भी हाल में अपना विवाह का वादा निभाएंगे। उन्होंने अपने परिवार और बारातियों के साथ करीब 7-8 किलोमीटर की यात्रा पैदल शुरू कर दी। हशखोर अहमद ने कहा, “मेरी शादी तय है और हम नील गगन जा रहे हैं। रास्ता बंद है, लेकिन शादी टालना विकल्प नहीं था। हमने सुबह 6 बजे घर से निकलना तय किया और कारें एक जगह खड़ी कर दीं। अब हमें 4 घंटे पैदल चलना होगा।”
पैदल चलकर बारात पहुंची शादी स्थल, लोगों ने किया स्वागत
हशखोर अहमद और उनके परिवार की यह जज्बे से भरी यात्रा अब लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। रास्ते में जहां कीचड़, पत्थर और फिसलन थी, वहीं इस बारात ने हौसले और प्रेम का उदाहरण पेश किया। हशखोर ने यह भी कहा कि अगर पत्नी को लाने तक सड़क नहीं बनी, तो उसे भी पैदल ही लाना होगा। भगवान की मर्जी से ही सब कुछ हुआ है।
सरकार से की सड़क मरम्मत की अपील
दूल्हे ने में प्रशासन और सरकार से अपील की कि NH-44 जैसे महत्वपूर्ण मार्ग को जल्द से जल्द साफ कर आवागमन सुचारु किया जाए, जिससे अन्य लोगों को ऐसी मुश्किलों का सामना न करना पड़े।