

नई दिल्ली : भारत ने पिछले दस वर्षों में अपनी आर्थिक विकास दर से दुनिया को हैरान कर दिया है। अगर हम प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के प्रदर्शन की तुलना करें, तो भारत की जीडीपी ने न केवल तेज गति से बढ़त की है, बल्कि अमेरिका और चीन जैसी दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत की आर्थिक वृद्धि की यह सफलता वास्तव में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो रही है।

भारत की जीडीपी: 10 साल में 105% की वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह 10 साल में 105% की भारी वृद्धि दर्शाता है। यह बढ़ोतरी न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि विकासशील देशों के पास विशाल वृद्धि की संभावनाएं होती हैं। इसके मुकाबले, चीन की जीडीपी 76% और अमेरिका की जीडीपी 66% बढ़ी है, जो भारत की तेजी को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

क्यों आया इतना बड़ा उछाल?
भारत की जीडीपी में इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे आर्थिक नीतियों, व्यापारिक सुधार और उद्योगों के सुधार का बड़ा हाथ है। सरकार द्वारा लागू किए गए सुधारों और व्यापारिक सुविधाओं में लगातार वृद्धि ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी है। इसके अतिरिक्त, भारत के युवा और बढ़ते हुए श्रमबल, डिजिटल और तकनीकी विकास, और वैश्विक निवेशकों का भारत की ओर बढ़ता रुझान, इन सभी कारकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती दी है।

भारत की रफ्तार: क्या है भविष्य में उम्मीद
भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और अगर इसी गति से वृद्धि जारी रही, तो भारत जल्दी ही जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। जापान की जीडीपी में पिछले दस साल में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है, जबकि भारत ने अपनी गति से उसे काफी पीछे छोड़ दिया है। वहीं, जर्मनी को भी भारत 2029 तक पीछे छोड़ सकता है, और अनुमान है कि भारत उस समय तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
दूसरी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का कैसा रहा प्रदर्शन
भारत के अलावा, अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का प्रदर्शन भी अलग-अलग रहा है। जर्मनी की जीडीपी 10 साल में 44%, ब्रिटेन की 28%, फ्रांस की 38%, इटली की 39%, कनाडा की 44%, ब्राजील की 28%, रूस की 57% और दक्षिण कोरिया की जीडीपी 27% बढ़ी है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक वृद्धि ने इन सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है।
भारत की सफलता की कुंजी
भारत की तेज आर्थिक वृद्धि के प्रमुख कारण:
आर्थिक सुधारों की गति: आर्थिक नीतियों में सुधार और नए व्यापारिक रास्तों की तलाश ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती दी।
विस्तृत युवा श्रमबल: भारत के युवा कामकाजी वर्ग की संख्या दुनिया के अधिकांश देशों से कहीं अधिक है, जो विकास में योगदान दे रहा है।
टेक्नोलॉजी और डिजिटल परिवर्तन: डिजिटल प्रौद्योगिकी और तकनीकी क्षेत्र में तेजी से विकास ने भारत की वृद्धि को कई गुना बढ़ाया है।
वैश्विक निवेशकों का रुझान: भारत को वैश्विक निवेशकों से बढ़ते हुए निवेश मिल रहे हैं, जो इसके विकास को और अधिक तेज कर रहे हैं।
