सेंट्रल डेस्क : अनुभवी पत्रकार और लेखिका हुमरा कुरैशी का हृदय गति रुकने और मधुमेह संबंधी परेशानियों के कारण शुक्रवार को गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हो गया है। वह सत्य, न्याय के समर्थक और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए काम करने के लिए जानी जानी जाती थी। उनकी बेटी सारा कुरैशी ने पीटीआई से बातचीत में उनके निधन की जानकारी दी।
हुमरा कुरैशी का जन्म 25 अप्रैल 1956 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। उन्होंने लेखक और स्तंभकार के रूप में काम किया। लंबे समय तक कश्मीर को बतौर पत्रकार कवर करने के बाद कुरैशी ने “कश्मीर: द अनटोल्ड स्टोरी” प्रकाशित की थी। यह इस क्षेत्र के उनके कवरेज पर आधारित उनके सामूहिक लेखन का एक खंड है। इसके बाद उनका एक उपन्यास “मीर” भी प्रकाशित हुआ, जो घाटी पर आधारित एक प्रेम कहानी है।
उन्होंने “व्यूज: योर्स एंड माइन”, “मोर बैड टाइम टेल्स”, संकलन “चेंजिंग द गुड लाइफ: ऑन बीइंग सिंगल” और “ऑफ मदर्स एंड अदर्स” में अपने योगदान से भी अलग पहचान बनाई। खुशवंत सिंह के साथ भी कई पुस्तकों और प्रकाशनों पर कुरैशी ने काम किया, जिनमें “एब्सोल्यूट खुशवंत” और “द गुड, द बैड एंड द रिडिकुलस” शामिल हैं। कुरैशी के निधन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है।