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महाकुंभ में VHP की बैठक आज, महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा

by Rakesh Pandey
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प्रयागराज : विश्व हिंदू परिषद (VHP) आज से तीन दिवसीय महाकुंभ बैठक की शुरुआत करने जा रहा है, जो कि झूंसी में आयोजित किया जाएगा। इस बैठक में भारत के विभिन्न हिस्सों के अलावा विदेशों से भी वीएचपी के प्रतिनिधि भाग लेंगे। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग लाल बागरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बैठक के उद्देश्य और चर्चा किए जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला।

बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी, जिनमें प्रमुख रूप से हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, जनसांख्यिकीय असंतुलन और वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर विचार-विमर्श होगा। इसके अलावा, बैठक में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के उत्पीड़न और अयोध्या फैसले के बाद काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों की मुक्ति के मुद्दे पर भी गंभीर चर्चा होने की उम्मीद है।

इस महाकुंभ बैठक में वीएचपी के 47 प्रांतों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिनमें भारत के विभिन्न हिस्सों से प्रतिनिधि आने के साथ ही विदेशों से भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, महासचिव मिलिंद परांडे और अन्य प्रमुख नेता जैसे संयुक्त महासचिव विनायकराव देशपांडे तथा बजरंग दल, मातृ शक्ति और दुर्गा वाहिनी जैसे संबद्ध संगठनों के नेता भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक का उद्देश्य हिंदू समुदाय की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करना और उनके समाधान के लिए सामूहिक रूप से कदम उठाना है।

पाकिस्तानी हिंदुओं का महाकुंभ में आगमन

महाकुंभ की धार्मिक और आध्यात्मिक भव्यता से प्रेरित होकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक समूह प्रयागराज पहुंचा है। ये श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। यूपी सूचना विभाग के अनुसार, इन श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में अनुष्ठान किए और अपने पूर्वजों के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं।

महंत रामनाथ, जो इस समूह के साथ आए थे, ने बताया कि वे पहले हरिद्वार गए थे, जहां उन्होंने महाकुंभ में आने से पहले लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित की थीं और अनुष्ठान किया था। महंत रामनाथ ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य महाकुंभ में आकर अपने पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना करना था और इसके बाद संगम में डुबकी लगाई।

सिंध निवासी गोबिंद राम मखेजा ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि महाकुंभ के बारे में उन्होंने पिछले दो-तीन महीनों में सुना था और तभी से उनकी इच्छा थी कि वे इस धार्मिक अवसर का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि हम खुद को इस अवसर पर भाग लेने से रोक नहीं पाए। यह एक बहुत ही खास और पुण्य अवसर है और हम इसका लाभ उठाने के लिए यहां आए हैं।

धार्मिक महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ, जो हर 12 साल में होता है, हिंदू धर्म का एक बेहद महत्वपूर्ण और एतिहासिक धार्मिक आयोजन है। यह आयोजन संगम, यानी गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम स्थल पर होता है, जहां लाखों श्रद्धालु अपनी धार्मिक आस्था के साथ स्नान करने और पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। महाकुंभ का आयोजन दुनिया भर में धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है और यहां हिंदू धर्म के प्रमुख साधु-संतों और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति होती है।

महाकुंभ के दौरान धार्मिक अनुष्ठान, ध्यान, योग और समाजसेवा के कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जो श्रद्धालुओं की आत्मिक उन्नति और धर्म की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देते हैं। वीएचपी की बैठक का उद्देश्य भी इसी प्रकार के धार्मिक मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श करना और हिंदू समुदाय की विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।

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