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विदेश सचिव विक्रम मिस्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, नेताओं और राजनयिकों ने की निंदा

पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ की गई अभद्रता को 'अत्यंत शर्मनाक' बताया।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के समझौते के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री को सोशल मीडिया पर अभद्रता का सामना करना पड़ा है। इस पर वरिष्ठ राजनयिक निरुपमा मेनन राव और राजनीतिक नेताओं असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव ने उनकी सराहना की और अभद्र टिप्पणियों की निंदा की है।

अखिलेश यादव ने की निंदा, सरकार से कार्रवाई की मांग

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक लंबा पोस्ट लिखकर कहा कि इस तरह की टिप्पणियां ईमानदार अधिकारियों का मनोबल तोड़ती हैं, जो दिन-रात देश की सेवा में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकार का यह दायित्व है कि वह निर्णय ले, न कि व्यक्तिगत अधिकारियों का। कुछ असामाजिक तत्व खुलेआम अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन न तो भाजपा सरकार और न ही उसके मंत्री उनकी इज्जत और सम्मान की रक्षा के लिए सामने आ रहे हैं’।

निरुपमा मेनन राव ने की निंदा, कहा- ‘अभद्रता की कोई जगह नहीं’

पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ की गई अभद्रता को ‘अत्यंत शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि यह ‘सभ्यता की सभी सीमाओं को पार करता है’। उन्होंने कहा, ‘विक्रम मिस्री एक समर्पित और पेशेवर राजनयिक हैं, जिन्होंने भारत की सेवा की है। उनके और उनके परिवार के खिलाफ की गई अभद्रता अस्वीकार्य है’।

असदुद्दीन ओवैसी ने की सराहना, कहा- ‘नागरिक सेवक सरकार के तहत काम करते हैं’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिस्री के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘विक्रम मिस्री एक ईमानदार, मेहनती और समर्पित राजनयिक हैं, जो हमारे देश के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। हमारे नागरिक सेवक कार्यपालिका के तहत काम करते हैं, यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए’।

भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने का समझौता

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने का समझौता हुआ था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार शाम को इस समझौते की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के सैन्य संचालन निदेशक जनरल (DGMO) के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें भूमि, वायु और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाइयाँ तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी। अगली बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे निर्धारित की गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा

इस समझौते के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक आश्चर्यजनक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत ‘अमेरिका द्वारा मध्यस्थता’ की गई थी। हालांकि, भारत सरकार ने इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणियाँ न केवल उनके व्यक्तिगत सम्मान को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि कुछ लोग देश की सुरक्षा और कूटनीतिक प्रयासों को समझने में विफल हैं। नेताओं और राजनयिकों द्वारा की गई निंदा यह स्पष्ट करती है कि ऐसे कृत्य अस्वीकार्य हैं और इनका विरोध किया जाना चाहिए।

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