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बिहार में वीआईपी का बड़ा दांव, 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा से सियासी हलचल तेज

मुकेश सहनी की सोशल मीडिया घोषणा ने बदले सियासी समीकरण, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बढ़ सकती है खींचतान.

by Reeta Rai Sagar
Bihar politics
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पटना: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है।
सोशल मीडिया के माध्यम से की गई इस घोषणा ने आगामी गठबंधन समीकरणों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

वीआईपी की बढ़ती महत्वाकांक्षा और संभावित गठबंधन का संकेत

मुकेश सहनी ने अपने पोस्ट में कहा,

“वीआईपी 2025 में 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हमारे सहयोगी दल बाकी बची सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।”

इस बयान से साफ है कि वीआईपी अब केवल सहयोगी भूमिका में नहीं रहना चाहती, बल्कि मुख्यधारा की ताकत के रूप में उभरना चाहती है।

2020 के चुनाव में वीआईपी ने राजग गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि, चुनाव के बाद भाजपा से मतभेद के चलते गठबंधन टूट गया।

मल्लाह समुदाय में पकड़ मजबूत, सहनी का जनाधार बढ़ा

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मल्लाह (मछुआरा) समुदाय में सहनी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। यही वजह है कि वीआईपी अब बड़ी संख्या में सीटों पर दावेदारी कर रही है।
यह भी माना जा रहा है कि सहनी की यह घोषणा आईएनडीआईए गठबंधन में एंट्री और बेहतर सौदेबाजी के प्रयास का हिस्सा हो सकती है।

महागठबंधन के भीतर बढ़ सकती है सीट बंटवारे की चुनौती

अगर वीआईपी महागठबंधन से जुड़ती है, तो राजद, कांग्रेस और वाम दलों को अपने-अपने हिस्से की सीटों में कटौती करनी पड़ सकती है।

सीपीआई पहले ही 20 सीटों की मांग के साथ अपनी सूची तेजस्वी यादव को सौंप चुकी है, जबकि झारखंड की झामुमो भी बिहार में 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।

वहीं पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने पहले ही सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। हाल में उसने भी महागठबंधन के साथ जाने के संकेत दिए हैं और करीब 25 सीटों की मांग कर सकती है।

वाम दलों का बढ़ता दावा, राजद-कांग्रेस के लिए चुनौती

तीनों वाम दल (सीपीआई, सीपीआई-एमएल, सीपीआई-एम) इस बार 40 से अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। 2020 के चुनाव में वाम दलों ने कुल 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें से सीपीआई-एमएल ने अकेले 12 सीटें जीती थीं।

राजद ने 2020 में 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 75 पर जीत हासिल की थी। इस बार भी वह 140 से 145 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

वहीं कांग्रेस 2020 के चुनाव में 70 सीटों पर लड़ी थी और 19 जीती थीं। वह इसी संख्या को बरकरार रखना चाहती है, लेकिन राजद उसे केवल 50-55 सीटें देने के पक्ष में है।

विश्लेषक बोले: 60 सीटों की मांग यथार्थ से दूर

वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का मानना है कि

“मुकेश सहनी ने अपने समाज में राजनीतिक पकड़ तो बनाई है, लेकिन 60 सीटों पर दावेदारी करना हस्यास्पद है। तेजस्वी यादव कांग्रेस और वाम दलों को नाराज़ नहीं करेंगे। वीआईपी को 20 से ज्यादा सीटें मिलना मुश्किल है।”

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