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विशाखापट्टनम में दीवार गिरने से बड़ा हादसा, चंदनोत्सव उत्सव के दौरान 8 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ढांचागत ऑडिट की बात भी कही है।

by Reeta Rai Sagar
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विशाखापट्टनम : आंध्र प्रदेश स्थित विशाखापट्टनम के श्री वराहलक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर (Simhachalam Temple) में बुधवार तड़के बड़ा हादसा हो गया, जब चंदनोत्सव (Chandanotsavam) उत्सव के दौरान एक 20 फुट लंबी अस्थायी दीवार गिर गई। इस हादसे में अब तक 8 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि चार अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं। घटना तड़के करीब 2:30 बजे भारी बारिश के बीच हुई।

भारी बारिश बनी हादसे की वजह

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों ने मौके पर पहुंचकर तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू किया। SDRF के एक जवान ने बताया कि दीवार गिरने की यह घटना सुबह 2:30 से 3:30 बजे के बीच हुई जब इलाके में मूसलाधार बारिश हो रही थी।
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले है कि दीवार गिरने की वजह भारी बारिश से मिट्टी का ढीला होना (Soil Loosening due to Rain) रही। मंदिर प्रशासन ने भी इसे एक संरचनात्मक विफलता (Structural Failure) बताया है। हालांकि, विस्तृत जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की सहायता राशि की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने अपने एक्स (X) पोस्ट में लिखा, ‘इस हृदयविदारक घटना से दुखी हूं… घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं’।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (CM Chandrababu Naidu) ने भी हादसे पर दुख जताते हुए कहा, ‘सिंहाचलम में सात श्रद्धालुओं की मौत से व्यथित हूं। प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। स्थिति पर मेरी नजर बनी हुई है और पीड़ितों को हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं’।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (CM Revanth Reddy) और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) ने भी शोक व्यक्त करते हुए प्रशासन से घायलों को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराने की मांग की।

मंदिर में मौजूद मंत्री ने बताया हादसे का दृश्य

राज्य की गृहमंत्री वी. अनिता (V. Anitha), जो उस समय मंदिर में उपस्थित थीं, ने बताया कि घटना के वक्त सभी भीग रहे थे। मैं जैसे ही मंदिर से बाहर आई, मुझे हादसे की जानकारी मिली और घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया। उन्होंने बताया कि राहत कार्य में कोई कोताही नहीं बरती गई।

भविष्य में सुरक्षा उपाय किए जाएंगे

एंडोमेंट्स मंत्री के. रमणारायणा रेड्डी (K. Ramanarayana Reddy) ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ढांचागत ऑडिट की बात भी कही है।

तिरुपति मंदिर हादसे की याद ताजा

गौरतलब है कि इससे पहले इसी वर्ष तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (Tirupati Temple Tragedy) में वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन लेने के दौरान भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। सिंहाचलम हादसे ने एक बार फिर मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

राहत और बचाव कार्य जारी

घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रशासन की ओर से मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। intermittent rain के बीच SDRF और पुलिस टीमें घटनास्थल को सुरक्षित करने में जुटी हैं, ताकि बाकी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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